गोपेश्वर, २५ अगस्त । चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर उभरे नए भूस्खलन जोन नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीएल) के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। वर्षाकाल में हाईवे पर 15 से अधिक स्थानों पर नए भूस्खलन जोन उभरे हैं, जबकि 10 जोन पुराने हैं। मानसून की तैयारियों के तहत एनएचआईडीएल ने चिह्नित भूस्खलन जोन में 20 जेसीबी और मजदूर तैनात किए थे। लेकिन, नए स्थानों पर भूस्खलन होने से इन मशीनों को बार-बार शिफ्ट करना पड़ रहा है।हाल ही में एनएचआइडीएल ने आठ नई जेसीबी भी तैनात की है। इसके बावजूद संसाधन नाकाफी साबित हो रहे हैं। कई बार सड़क अवरुद्ध होने पर जेसीबी के आने तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे यातायात सुचारु करने में देरी होती है। चमोली जिले में कर्णप्रयाग से लेकर देश के प्रथम गांव माणा तक बदरीनाथ हाईवे 160 किलोमीटर है। चारधाम यात्रा की तैयारियों के दौरान हाईवे पर 10 पुराने भूस्खलन जोन चिह्नित किए गए थे।वर्षाकाल में प्रशासन और एनएचआइडीएल ने इन भूस्खलन जोन में दो-दो जेसीबी और मजदूरों की तैनाती की। लेकिन, लगातार वर्षा के चलते कमेड़ा से लेकर बदरीनाथ तक 15 से अधिक नए भूस्खलन जोन उभर आए। इन भूस्खलन जोन का दायरा पांच मीटर से लेकर 100 मीटर तक है। भनेरपानी और मैठाणा सबसे लंबे भूस्खलन जोन में शामिल हैं।जेसीबी की संख्या कम होने के चलते भूस्खलन होने पर मशीनों को इधर से उधर शिफ्ट करना पड़ रहा है। ऐसे में हाईवे अवरुद्ध होने पर मशीनों के इंतजार में यातायात सुचारु करने में देरी हो रही है, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अभी पिछले माह हाईवे लगातार तीन दिन तक अवरुद्ध रहा था। कमेड़ा, बाबा आश्रम के पास, पंच पुलिया के पास, लंगासू चौकी के पास, बैराजकुंज के पास, पर्थाडीप के पास, मैठाणा, छिनका, पीपलकोटी, नवोदय विद्यालय के पास, भनेरपानी 2, बेलाकुची, गुलाबकोटी, गडोरा, टैया पुलनंदप्रयाग, हिलेरी स्पाट के पास, बाजपुर, क्षेत्रपाल, भनेरपानी, पागलनाला, टंगड़ी, खचड़ानाला, हाथी पहाड़, लामबगड़ नाला, कंचनगंगाउभरने से मानसून के दौरान वर्षा से मलबा आने की स्थिति में मशीनें भेजकर हाईवे सुचारु कराया जा रहा है। हाईवे पर नए उभरे भूस्खलन जोन सुचारु रखने के लिए आठ नई जेसीबी भी लगाई गई हैं। उम्मीद है कि अब समस्या नहीं होगी। राजेश कुमार, सहायक अभियंता, एनएचआइडीएल