जांजगीर – चांपा। नगर पालिका जांजगीर नैला के द्वारा दो साल पहले सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए बर्तन बैंक खोलने की योजना तैयार की गई थी। जिसे आज तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। इसके कारण सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक तो नहीं लग सकी बल्कि और धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। वहीं सिंगल यूज प्लास्टिक पर नगर पालिका कार्रवाई करना भूल गई है।
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए आदेश दिए थे। साथ ही दोना, पत्तल के उपयोग को बढावा देने का निर्देश दिया गया था। साथ ही नगर सरकारों की जिम्मेदारी तय कर दी है कि वे उनके नगर में संचालित मैरिज हाल, होटल, केटरर को चिह्नांकित करें व सिंगल यूज प्लास्टिक के डिस्पोजल के प्लेट, थाली के बजाए बर्तन या फिर दोना पत्तल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस निर्देश के बाद नगर पालिका जांजगीर नैला के द्वारा बर्तन बैंक शुरू करने की योजना बनाई गई थी।
इसके तहत चार बर्तन बैंक खोलने प्रस्ताव तैयार किया गया था। होटलों में होने वाली शादी, पार्टी व अन्य कार्यक्रमों में प्लास्टिक के डिस्पोजल के स्थान पर प्लेट या फिर दोना पत्तल उपयोग किया जाना था। लेकिन नगर पालिका के जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और दो साल बाद भी बर्तन बैंक शुरू नहीं किया जा सका।
दरअसल सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक तो पहले भी लगाई गई थी। कार्रवाई के नाम पर पहले भी न केवल जिला मुख्यालय बल्कि अन्य नगरों में होटल, दुकानों में छापामार कार्रवाई करते हुए बडी मात्रा में पालीथिन जब्त की गई थी, लेकिन समय के साथ ये सब कार्रवाइयां बंद हो गई और सिंगल यूज प्लास्टिक फिर से प्रचलन में आ गया।
कम कीमत पर लोगों कोमिलता किराए में बर्तन
सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नगर पालिका जांजगीर नैला में महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से बर्तन बैंक खोलने की योजना बनाई गई थी । जिसमें शादी, पार्टी के लिए जरूरत के बर्तन रखे जाएंगे व कम कीमत पर लोगों को किराए पर बर्तन दिए जाने थे। शहर मेंचार बर्तन बैंक की खोलने की तैयारी पूरी कर ली गईथी ।
दोना पत्तल के व्यवसाय को मिलेगा बढ़ावा
सरकार द्वारा महिलाओं के स्व सहायता समूह को भी आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के काम दिए गए हैं। जिसमें एक काम दोना पत्तल बनाना भी है। यदि बड़े होटल, शादी सहित अन्य आयोजनों में प्लास्टिक की थाली, डिस्पोजल की जगह दोना पत्तल का उपयोग होगा तो समूह की महिलाओं को बड़ा बाजार मिलेगा। इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी होगा।
पालीथिन उपयोग के ये हैं दुष्परिणाम
पालीथिन बैग सडने- गलने वाली चीज नहीं है। अगर इसे जमीन में गाडते हैं तो यह नष्ट नहीं होगा। जलाने पर धुआं वातावरण को प्रदूषित करेगा। पालीथिन से नालियां जाम हो जाती हैं, नाली का पानी सडक पर बहता है। पालीथिन पानी को भूमिगत होने से रोकती है। पालीथिन को मवेशी खाते हैं, जिसकी वजह से इनकी जान पर बन आती है। कई बार सर्जरी करके गाय के पेट से बडी मात्रा में पालीथिन निकाली गई है।
बर्तन बैंक खोलने की योजना प्रक्रियाधीन है। एक माह के भीतर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बर्तन बैंक से शादी, पार्टी के लिए जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर किराए में बर्तन दिए जाएंगे।