सक्ती। जिले में इन दिनों स्वास्थ्य विभाग सुर्खियों में है। जहां स्वास्थ्य व्यवस्था तो बदहाल स्थिति में है इसको सुधारने की कोशिश को छोड़ सीएमएचओ जिले के मालखरौदा और इभरा ब्लॉक में हुई अव्यवस्था को जांच में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग का संचालन एक संविदा कर्मचारी के इशारे में चल रहा है। जहां तत्कालीन सीएमएचओ कठपुतली बन कर स्वास्थ्य व्यवस्था की मजाक बनाकर रख दिए। डभरा सीएचसी में डॉक्टरों के द्वारा अव्यवस्था के खिलाफ अपने ही बीएमओ पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही इसकी सूचना डभरा थाने में दे चुके हैं कि डभरा बीएमओ राजेंद्र पटेल द्वारा सीएचसी में कार्यरत चिकित्सक में गाली-गलौज मार पीट की धमकी दी है। इस कड़ी में मालखरौदा सीएचसी में गर्भस्थ शिशु की मौत का मामला सामने आया है, जहां इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ये अभी तलक संशय का विषय बना हुआ है। बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार करने छोड़ सीएमएचओ निजी संस्थाओं में व्यवस्था सुधारने ज्यादा दे रहे हैं जो समझ से परे हैं। नतीजा ये है कि सक्ती जिला स्वास्थ्य विभाग में कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कई जांच टीम गठित कर मालखरौदा और डभरा सीएचसी की जांच की जा रही है। हालांकि ये जांच किस नतीजे पर
पहुंचेगी। ये सोचने वाली बात है किन्तु स्वयं सीएमएचओ साहब अपने ही विभाग को सुचारु रूप चला आगे से के ती यह स्थिति नहीं बनती यह देखने योग्य है। आखिर कब तक जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था
में सुधार आएगा और क्या कोई जनप्रतिनिधि या वरिष्ठ अधिकारी इसमें संज्ञान लेंगे। इस अव्यवस्थित स्वास्थ्य व्यवस्था से आमजनों को कब तक तकलीफों का सामना करना पड़ेगा।
जांच अधिकारी खुद घिरे हैं विवादों से
जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सक्ती डॉ. प्रधान सिंह कंवर है जो अपना दायित्व छोड़ बाराद्वार में निजी अस्पताल संचालन में व्यस्त रहते हैं। इसी तरह डॉ. रविन्द्र सिवार मालखरौवा सीएचसी बीएमओ भी विवाँवों से दूर नहीं रहे हैं। डॉ. राजेंद्र पटेल के विरुद्ध स्वयं उनके डभरा सीएचसी के चिकित्सकों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. राजेश बंजारे डीएमफ संविदा चिकित्सक है जो अपनी सेवा सरकारी अस्पताल में न के बराबर देकर निजी गोमती देवी अस्पताल में देते आ रहे हैं।