कोरबा। ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों ने जमकर मौज मस्ती की। सरकारी व्यवस्था के अंतर्गत मिली हुई राहत के दिन अब पूरे हो रहे हैं। 18 जून से नवीन शिक्षा सत्र की शुरुआत हो रही है और इसके साथ विद्यालय में रौनक की वापसी होगी।
शैक्षणिक अवकाश का लाभ यू तो सभी श्रेणी के विद्यार्थियों ने जी भर के लिया, लेकिन इसमें सबसे आगे रहे नर्सरी और प्राइमरी सेक्शन के बच्चे। ग्रीष्मकालीन शिविर के साथ-साथ विभिन्न स्थानों के सैरसपाटे से लेकर अपने आसपास में मौज मस्ती करने में उनका काफी समय यूं ही बीता। इस दौरान बच्चों ने परंपरागत खेलकूद के साथ-साथ प्रकृति से नजदीकी स्थापित करने और बहुत कुछ सीखने की कोशिश की। प्रकृति और पर्यावरण से मिलने वाले फायदे के बारे में जानकारी ली। जमीन से जुडऩे के क्या मतलब होते हैं और उससे शारीरिक विकास के साथ समझ किस प्रकार से विकसित होती है, इस बारे में भी उन्हें काफी कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ। लंबा समय ग्रीष्मकाल अवकाश में व्यतीत होने के बाद बच्चे फिर से स्कूलों में जाने और अध्ययन की परंपरा से जुडऩे के लिए मानसिक रूप से तैयार हो रहे हैं। बच्चों के पेरेंट्स ने बताया कि बीते दिनों में उन्हें अलग-अलग प्रकार आपके विषय की जानकारी हुई है और निश्चित रूप से यह उनके शैक्षणिक जीवन के लिए लाभकारी साबित होगी।
बुनियादी सुविधाओं को किया बेहतर
जिले में सरकारी सहित सभी अर्ध सरकारी और निजी विद्यालयों नए शिक्षण सत्र 18 जून से प्रारंभ होगा। इस हिसाब से सभी जरूरी तैयारी कराई जा रही है। शासकीय स्कूलों के संदर्भ में विभाग ने समीक्षा बैठक ली है और इसमें कई चीजों को जाना गया है।
तामेश्वर उपाध्याय, डीईओ कोरबा