ढाका, १२ जनवरी ।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बर्बरता की बात अब जगजाहिर है। कभी हिंदुओं को निशाना बनाया जाता तो कभी उनके मंदिरों पर हमला होता है। केवल हिंदू ही नहीं दूसरे अल्पसंख्यक भी सुरक्षित नहीं हैं। इस बात का कबूलनामा खुद वहां की मोहम्मद यूनुस सरकार ने किया है। हालांकि, इन हमलों के पीछे किसका हाथ है, इसका भी खुलासा किया गया है। यूनुस सरकार ने एक पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल 4 अगस्त से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं।हालांकि, सरकार का कहना है कि ये अधिकांश हमले राजनीतिक प्रकृति के थे। सरकार ने ये भी माना है कि इसमें से कई हमले सांप्रदायिक थे, लेकिन ज्यादातर मामले राजनीति से प्रेरित थे। पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा की शिकायतों को सीधे प्राप्त करने और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा कि पुलिस की जांच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद द्वारा हाल ही में दावा किए जाने के बाद हुई है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को देश छोडक़र भाग जाने से एक दिन पहले से सांप्रदायिक हिंसा की 2010 घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा की कुल घटनाओं में से 1769 घटनाएं हमले और बर्बरता के रूप में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने अब तक दावों के आधार पर 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 दोषियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, यह दावा किया गया है कि अधिकांश मामलों में हमले सांप्रदायिक रूप से प्रेरित नहीं थे, बल्कि, वे राजनीतिक प्रकृति के थे।