
नईदिल्ली, १३ अगस्त ।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर लेखकों, शिक्षाविदों, नामचीन हस्तियों ने पत्र लिखकर चिंता जताई है। इन लोगों ने बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ संसद से सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में लेखक अमीश त्रिपाठी, अश्विन सांघी, अभिषेक बनर्जी, राजीव मंत्री , स्मिता बरूआ और सुप्रीम कोर्ट के वकील जे. साई दीपक शामिल हैं। पत्र में कहा गया है, हाल के दिनों में हमने बेहद परेशान करने वाली घटनाएं देखी हैं। मेहरपुर में इसकान केंद्र को जलाया गया, पूरे बांग्लादेश में कई मंदिरों में तोडफ़ोड़ की गई। दंगाइयों द्वारा हिंदुओं की हत्या का जश्न मनाने का वीडियो प्रसारित हो रहा है। बांग्लादेश में हिंदु आबादी ने बार-बार उत्पीडऩ का सामना किया है, जो राजनीतिक अस्थिरता के समय अक्सर और बढ़ जाता है।
1971 में जब बांग्लादेश के गठन से पहले पाकिस्तानी शासन में 25 लाख हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। तब से हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 2013 से बांग्लादेश में ङ्क्षहदुओं पर 3,600 से अधिक हमले हुए हैं। बांग्लादेश में वर्तमान घटनाक्रम के कारण अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। पत्र में कहा गया, हम संसद से आग्रह करते हैं कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा की निंदा करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करे।
संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर बांग्लादेशी अधिकारियों पर दबाव डालें कि वे अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं। अपराधियों पर कार्रवाई करें। अत्याचारों को रोकने तथा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के मौलिक मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है।