
सागर, १२ जनवरी ।
सागर में पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले के डाइनिंग हाल में बाघों की खाल व हिरणों के सींग सजे हुए हैं। बंगले के अंदर की भव्यता की तस्वीर स्वयं राठौर का इंटरनेट मीडिया पर बना फेसबुक एकाउंट बयां कर रहा है। दीवारों पर बाघों की खालों के साथ-साथ हिरणों के सींग टंगे हुए हैं। इसी डाइनिंग रूम में राठौर अतिथियों का स्वागत करते हैं।तस्वीरों में काले हिरणों के खोपड़ी सीगों सहित बाघ की दो खालें भी नजर आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक राठौर बंगले पर तीन पीढिय़ों से वन्य प्राणी पले हुए थे। इसके लिए यहां एक छोटा चिडिय़ाघर बनाया गया। इसमें मगरमच्छों के अलावा अन्य वन्य प्राणी हुआ करते थे। विविध प्रजातियों के पक्षियों को भी पाला गया था, यह स्थान सार्वजनिक था। यहां शहर का कोई भी व्यक्ति आ-जा सकता था, लेकिन आयकर विभाग के सर्वे के बाद बंगले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हरवंश 2013 से 2018 तक बंडा विधानसभा सीट से विधायक और दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। मध्य प्रदेश के सागर जिले में बंडा सीट से भाजपा के विधायक रहे हरवंश सिंह राठौर के बंगले से बीते दो दिन में चार मगरमच्छ मुक्त कराए गए हैं। वन विभाग की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची तो पूर्व विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया और सिर्फ चुनिंदा 15 कर्मचारियों को ही अंदर जाने दिया।मीडिया को भी बंगले के आसपास नहीं फटकने दिया गया। भोपाल स्थित वन्य प्राणी मुख्यालय के अपर मुख्य वन संरक्षण वन्य जीव (एपीसीसीएफ) एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि पूर्व विधायक के बंगले पर मगरमच्छों व अन्य वन्यजीवों के पाए जाने पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए सागर डीएफओ को निर्देश दिए हैं। दरअसल, बताया गया कि पूर्व विधायक राठौर के बंगले पर पूर्व में चिडिय़ाघर हुआ करता था। इसे कुछ वर्षों पहले वह बंद करने का ऐलान कर वन विभाग को सूचना दे चुके हैं लेकिन मगरमच्छ अभी भी थे।
पिछले दिनों आयकर विभाग की टीम ने बंगले पर आयकर सर्वे किया तो अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई। उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी। इसके बाद गंभीर हुए वन विभाग ने शुक्रवार को दो मगरमच्छ यहां से मुक्त कराए थे। बाकी दो मगरमच्छ शनिवार को मुक्त कराए गए। इन्हें रानी दुर्गावती नेशनल टाइगर रिजर्व क्षेत्र स्थित छेवला तालाब में ले जाकर छोड़ दिया गया