सक्ती। सक्ती हवा के साथ बारिश और छोटे छोटे ओले गिरने से गर्मी से हल्की राहत मिली है। नगरवासियों का यह मानना था कि बारिश आधा घंटे में थम गई। अगर 2 से 3 घंटा बारिश हो जाती थी, तो पानी का लेबल ऊपर आता और बोरों में पानी आ जाता। यहां बाकी दिनों में बदली तो रहती थी, परंतु आंधी के चलते पानी नहीं गिरता था।
धीरे धीरे सायं को बदली आई और बिना हवा चले पानी बरसने लग गया। जैसे ही पानी बरसने लगा वैसे ही हवा चलने लग गई जिसके चलते पानी आधा घंटा ही गिरकर रूक गया। नागरिकों का यह कहना है कि अगर पानी 2-3 घंटे गिरता तो गर्मी से राहत मिलती, परंतु चंद ही मिनट पानी गिरकर रुकने से अगर दूसरे दिन धूप निकलती तो उमस बढ़ती है। सोमवार को शहर में हुई बारिश का नजारा।