फिल्टर प्लांट में शोधन की प्रक्रिया पर काफी असर
कोरबा। सावन की शुरुआत होने से बारिश के क्रमिक सिलसिले ने राहत दी है और अच्छी संभावनाओं का संकेत दिया है। दूसरी ओर भारी बारिश से जल स्त्रोतों पर भी असर पड़ा है। शहरी क्षेत्र में लोगों को सरकारी व्यवस्था से आपूर्ति किये जाने वाले पानी पर इसका प्रभाव तय हुआ है। कारण यह है कि बारिश से घुली हुई मिट्टी ने उस पानी को प्रभावित किया है, जो इंटकवेल से होते हुए फिल्टर प्लांट पहुंचता है और अगली प्रक्रिया के बाद आपूर्ति में शामिल होता है। इसलिए कई क्षेत्रों में आपूर्ति में बाधाएं हैं। दो दिन में इसे सामान्य करने की कोशिश है।
नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लगभग सभी वार्डों में इन दिनों पानी आपूर्ति को लेकर परेशानी है। एक ही तरह की शिकायतें इलाकों से प्रकाश में आ रही है कि जलापूर्ति या तो नहीं हो रही है या फिर इसकी समयसीमा बहुत कम हो गई है। इससे लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है। उन्हें घरेलू कामकाज निपटाने में समस्याएं हैं। लोगों को दूसरे विकल्पों से काम चलाना पड़ रहा है। यहां-वहां पर लोगों की निर्भरता बारिश के मौसम में भी पीने और दूसरे प्रयोजन के लिए बढ़ गई है। लोगों की नाराजगी मूलभूत जरूरत उपलब्ध न होने के कारण होना स्वाभाविक है। नगर निगम क्षेत्र की आबादी को पानी की आपूर्ति करने के लिए कोहडिय़ा क्षेत्र में निगम के द्वारा जलोपचार संयंत्र स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से अलग-अलग इलाकों में ओवरहेड टैंक को पानी भेजकर वहां से आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। समय के साथ इसकी शोधन क्षमता का विस्तार निगम के द्वारा किया गया है। जलावर्धन योजना के माध्यम से किए गए कार्यों से भी आपूर्ति को बेहतर करने का प्रयास शहरी क्षेत्र में हुआ है। बारिश के मौसम में बनी हुई समस्या को लेकर बताया जा रहा है कि इस दौर में कई कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं, जिनसे आपूर्ति को सुचारू रखने में कुछ कठिनाईयां हैं। इससे कुछ ही वार्ड नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में इस प्रकार की तस्वीर है और सर्व संबंधितों को न केवल सूचित किया जा रहा है बल्कि बताने की कोशिश भी हो रही है। व्यवस्था को पटरी पर लाया जा रहा है।
76 एमएलडी पानी का होता है शोधन
नगर निगम ने अपने इलाके की जल आवश्यकता की पूर्ति के लिए करोड़ों की लागत से कोहडिय़ा क्षेत्र में जलोपचार संयंत्र की स्थापना की है। इसके माध्यम से 76 एमएलडी पानी का शोधन करते हुए इसे कोरबा शहर और पश्चिम क्षेत्र में सप्लाई किया जाता है। 29 एमएलडी मात्रा पश्चिम क्षेत्र और 57 एमएलडी मात्रा कोरबा शहर क्षेत्र के लिए पूर्ति की जा रही है। हसदेव शाखा नहर और नदी के माध्यम से इस पानी को यहां तक लाए जाने के साथ यह फिल्टरेशन की प्रक्रिया में शामिल होता है।
वैकल्पिक उपायों पर काम
वर्तमान में तकनीकी कारणों से विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति को लेकर समस्या बनी हुई है। अलग-अलग स्तर से हमारे पास सूचनाएं पहुंच रही है। लोगों को सुविधा देने के लिए अनेक स्थानों पर वैकल्पिक उपायों के तहत टैंकर भिजवाए जा रहे हैं ताकि कुछ सहूलियत हो।
फिल्टर की प्रक्रिया में परेशानी
बारिश के हर सीजन में इस प्रकार की समस्याएं खड़ी होती है जबकि पानी के साथ घुली हुई मिट्टी फिल्टर प्लांट में पहुंचती है। ऐसे में तकनीकी सिस्टम को पूरी क्षमता से प्रोसेसिंग करने में दिक्कत होती है और कुल मिलाकर पानी को फिल्टर करना बाधित होता है। जन स्वास्थ्य के लिए आवश्यकता अनुसार पानी को 106 तक लाना है। फिलहाल जो फंक्शनिंग मौसमी चुनौती से बाधित है, उसमें स्तर को मेंटेन किया जा रहा है। अधिकतम दो दिन में व्यवस्था को पैरामीटर के अनुकूल बनाने में हम सफल होंगे।
-राकेश मसीह, प्रभारी, जल कार्य नगर निगम कोरबा