
कोरबा । एक बार फिर अत्यधिक गर्मी और सिंचाई के लिए बिजली इस्तेमाल होने की वजह से बिजली की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। प्रदेश में बिजली की डिमांड 5700 मेगावाट को पार करके 5800 मेगावाट के करीब जा पहुंची हैं। बताया जा रहा हैं की अप्रैल-मई में इसकी अधिकतम मांग 5878 मेगावाट तक गई थी। बारिश में ब्रेक और गर्मी बढऩे की वजह से बिजली की खपत पिछले एक सप्ताह से बढ़ गई है। जुलाई के आखिरी सप्ताह में बारिश होने की वजह से बिजली की मांग 3600 मेगावाट तक जा पहुंची थी। इसके बाद से बारिश पर पुन: ब्रेक लगा हुआ है। यही वजह है कि बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन बिजली की अधिकतम खपत पांच हजार मेगावाट से अधिक हो रही थी। बीते तीन दिन से यह 5500 मेगावाट को पार करके क्रमश: 5570, 5669 और अब बढकऱ 5700 मेगावाट को पार कर गयी हैं। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अनुमान लगाया था कि प्रदेश का पीक समय अप्रैल-मई में गुजर चुका है।जून के बाद से रूक-रूक कर भी बारिश हुई तो डिमांड 5500 मेगावाट के अधिक नहीं जाएगा, लेकिन इस बार बारिश पर जिस तरह से लंबे अंतराल तक ब्रेक लगने का सिलसिला बना हुआ हैं इससे मांग बढकऱ उच्चतम स्तर के करीब जा पहुंची है। मांग बढऩे से अतिरिक्त बिजली की भी स्थिति बनी हुई है। सेंट्रल सेक्टर से बिजली की डिमांड एक दिन पहले की जा चुकी होती है, अचानक डिमांड बढऩे पर सौ फीसदी आपूर्ति के लिए अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ती है। 12 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक करीब 1800 मेगावाट बिजली अतिरिक्त बिजली करनी पड़ी है।