लखनऊ, १२ अक्टूबर । राज्य को बिजली संकट से उबरने में अभी एक सप्ताह और लगेंगे। 18 अक्टूबर तक कई तापीय बिजली परियोजनाओं से एक बार फिर उत्पादन शुरू हो जाने से मांग के मुताबिक बिजली की उपलब्धता होने की उम्मीद जताई गई है। इस बीच बिजली के संकट को देखते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने उपभोक्ताओं से बिजली के अनावश्यक उपयोग पर संयम बरतने की अपील की है। दरअसल, सिक्किम में आई बाढ़ के साथ ही कई तापीय परियोजनाओं से उत्पादन ठप होने से बिजली की उपलब्धता घटने और गर्मी बरकरार रहने से राज्य में पिछले कई दिनों से बिजली का संकट बना हुआ है। मांग 21,668 मेगावाट तक पहुंच रही है जबकि उपलब्धता 18,995 मेगावाट ही है। मांग से लगभग तीन हजार मेगावाट कम बिजली होने से खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में 13-14 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिन तापीय परियोजनाओं से विभिन्न कारणों से बिजली का उत्पादन ठप है उनमें बारा, मेजा व टाडा से 660-660 मेगावाट, अनपारा से 210, हरदुआगंज से 105, रोजा से 300 मेगावाट, रिहंद व सिंगरौली से ही 500-500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता घटी है। बाढ़ के कारण केंद्रीय परियोजनाओं में तीस्ता जल विद्युत परियोजना से 1200 मेगावाट, एनएचपीसी तीस्ता-वी से 510 मेगावाट तथा 100 मेगावाट की दिक्चू परियोजना से भी बिजली का उत्पादन ठप है। अनुरक्षण के अलावा लगभग एक हजार मेगावाट का उत्पादन कोयले की खराब गुणवता के कारण भी प्रभावित है। मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष एक से 15 अक्टूबर के दरमियान औसत बिजली की मांग 15133 मेगावाट थी जबकि अब 20042 मेगावाट है। मंत्री ने दावा किया कि उपलब्धता बढऩे के साथ ही सप्ताहभर में मौजूदा बिजली संकट दूर हो जाएगा और प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली की आपूर्ति होने लगेगी।बंद यूनिटों के एक-एक कर चालू होने और इनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली मिलने से 12 अक्टूबर को बिजली की उपलब्धता बढ़कर 19,472, 13 को 19,971, 14 को 20,056, 15 को 20,108, 16 को 20,190, 17 को 20,210 तथा 18 अक्टूबर को 20,220 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच गर्मी के भी कुछ कम होने से बिजली की मांग में भी कुछ गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है।राज्य में बिजली संकट पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को वेबीनार किया। वेबीनार में बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं ने कहा कि गांवों में मात्र 12-13 घंटे ही बिजली मिल रही है। मांग की गई कि गांव में रात में बिजली कटौती न की जाए। ऐसा रोस्टर बनाया जाए कि रात में ज्यादा से ज्यादा बिजली गांवों में मिले।