जांजगीर। शहर की सड़क हो या फिर हाइवे, इनके किनारे दिन-रात वाहन खड़े नजर आ जाएंगे। कई बार सड़क किनारे खड़े वाहन हादसे का कारण भी बने, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। शहर के बाहर कहीं भी रोड लाइट नहीं लगी है। रात के समय वाहन चलाना उस समय चुनौती बन जाता है, जब बगल की दूसरी लेन पर सामने से तेज लाइट जलाते हुए वाहन लगातार आते हैं। इस दौरान सामने कुछ भी नहीं दिखता। ऐसे में सड़कों के किनारे खड़े वाहनों से दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। हाइवे को तेज गति से चलने के योग्य बनाने का लाभ तो सभी को मिल रहा है, लेकिन इस पर जान का जोखिम भी बढ़ गया है। हाइवे पर चलने वाले माल भरे ट्रक हों या अन्य कोई वाहन, चालकों की लापरवाही से दुर्घटनाएं हो रही हैं। अवैध वाहन स्टैंड पर प्रभावशाली कार्रवाई नहीं होने का नतीजा यह है कि खोखरा रोड से लेकर नेशनल हाइवे-49 तक मुख्य मार्ग पर ट्रक और अन्य भारी वाहनों का कब्जा रहता है। कार्रवाई न होने सड़क के किनारे ट्रक व भारी वाहन चालक गाड़ी सहित डेरा जमाए रहते हैं। यह दुर्घटनाओं का कारण बनता है। ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने से बड़ी समस्या शहर के आउटर खोखरा रोड या हाइवे पर सिग्नल नहीं लगे हैं। ऐसे में रात के समय यात्रा करना चुनौती है। जब सामने से आ रहे वाहन की लाइट आंखों पर पड़ती है तो सब कुछ दिखना बंद हो जाता है। उस में सामने किसी से टकराने की आशंका प्रबल होती है। चुनाव, नवरात्रि और वीआईपी ड्यूटी में बल की तैनाती होने के कारण हाइवे पर 2-3 दिनों से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इससे पहले नियमित रूप से गश्त होती थी और ढाबों के पास या कहीं और सड़क किनारे वाहन पार्क पाए जाने पर कार्रवाई की जाती थी। शहर में अभी मैं राउंड पर ही हूं कुछ दिखता है तो तुरंत कार्रवाई करता हूं। – प्रदीप जोशी, यातायात प्रभारी, जांजगीर मेन रोड पर लगती है ट्रक की लंबी लाइन नेशनल हाइवे में तिलई व अमरताल के ढाबों के सामने सड़क के दोनों ओर भारी वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है। इन वाहनों के चालक कभी भी रोड की ओर गाड़ी मोड़ देते हैं। इन स्थानों पर दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है।