जांजगीर चांपा। बिर्रा इलाके में झोला छाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। नीम हकीम बिना डिग्री डिप्लोमा के गरीब तबके के मरीजों को खुलेआम इलाज कर रहे हैं। इनकी मॉनिटरिंग करने बाला कोई नहीं है। इसके चलते इनका हौसला दिन ब दिन बढ़ रहा है। बिर्रा इलाके में इन दिनों में बिर्रा के चंडी मंदिर के पास स्थित डॉ. रघु पटेल नाम की बड़ा क्लीनिक संचालित हो रहा है। यहां हर रोज सैकड़ों की तादात में आसपास के गांव के मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। बड़ी बात यह है कि कई मरीजों का बीमारी ठीक होता है तो कई मरीज ऐसे भी मिलते हैं जिनका मर्ज बढ़ जाने से जिला अस्पताल या सीएचसी में रेफर किया जाता है। विडंबना यह है कि आए दिन ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज से कई मरीजों की जान भी चली जाती है बावजूद स्वास्थ्य अमला ऐसे नीम हकीमों तक नहीं पहुंच पाती। इसके चलते स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल होते नजर आती है। जबकि शासन के नियम के मुताबिक ऐसे एक भी झोला छाप डॉक्टरों को इलाज करने का पावर नहीं रहता। बावजूद ग्रामीण अंचलों में हर गांव में दो से तीन नीम हकीम देखे जा सकते हैं। जिनका कारोबार धड़ल्ले से चलता है। जहां तक हो सके वे अपने स्तर तक मरीजों को हैंडल करते हैं। जब मरीज की तबीयत उल्टा खराब होते जाती है। तो वे मरीजों को बाहर बिर्रा के जिस क्लीनिक (डॉ. रघु पटेल) की बात कर रहे हैं उस क्लीनिक में मरीजों की इतनी भीड़ रहती है कि यहां मरीज़ों को घंटों लाइन में लगनी पड़ती है। एक एक मरीजों से 100- 100 रुपए परामर्श शुल्क ली जाती है। इसके चलते यहां मरीजों की भीड़ उमड़ी रहती है। जबकि वैध क्लीनिक संचालक परामर्श शुल्क अधिक लेते हैं इसके कारण उसकी दुकान कम चलती है।
मामले की शिकायत मिली है बहुत जल्द उक्त झोलाछाप डॉक्टर के ठिकाने में छापेमारी की जाएगी।
डॉ. आजंबर सिंह सिसोदिया,
बीएमओ, बम्हनीडीह