
लेनदेन को लेकर प्रबंधक व मिलर के बीच हंगामा
जांजगीर चाम्पा। जिले के वेयरहाउस प्रबंधक के ऊपर बड़ा आरोप लगा है। राइस मिलर एवं क्वालिटी स्पेक्टर ने प्रबंधक के खिलाफ रूपए लेकर राइस मिलर्स के चावल को पास करने का आरोप लगाया है। वेयरहाउस प्रबंधक पर आरोप है कि है कि कस्टम मिलिंग में चावल क्वालिटी पास कराने के एवज में प्रत्येक लाट के पीछे 800 रुपए लिया जाता है। वेयरहाउस में इस साल भी गड़बडी का सिलसिला जारी है। नान के मापदंडों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से चावल जमा करा रहे हैं। वेयर हाउस के क्वालिटी इंस्पेक्टर ने वेयर हाउस के प्रबंधक पर बड़ा आरोप लगाया है उनका कहना है कि कस्टम मिलिंग का चावल राइस मिलर द्वारा अमानक पाए जाने के बावजूद प्रबंधक द्वारा पास कर जमा कर दिया जाता है वही मिलर्स का भी आरोप है कि वेयरहउस के प्रबंधक द्वारा रुपए की मांग की जाती है। तब जाकर चावल के लाट को पास किया जाता है। पैसे नहीं देने पर चावल के लाट को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है । इस तरह वेयरहाउस प्रबंधक की खूब मनमानी चल रही है जिसका विरोध मिलर्स द्वारा किया जा रहा है।
जिले में पंजीकृत मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के तहत धान के बदले वेयरहाउस एवं नान के गोदाम में चावल जमा कराया जाता है जिसमें प्रबंधक एवं क्वालिटी स्पेक्टर द्वारा चावल की क्वालिटी की जांच की जाती है। जिसके लिए वेयर हाउस में प्रबंधक एवं क्वालिटी स्पेक्टर नियुक्त रहते हैं। आम जनता तक सही चावल पहुंचे जिसके लिए क्वालिटी इस्पेक्टर चावल की जांच करता है। उसके बाद चावल को वेयरहाउस में रखा जाता है। लेकिन जिले के वेयरहाउस गोदाम में देखा जा रहा है कि किसी प्रकार की साफ सफाई एवं क्वालिटी की जांच नहीं हो रही है गोदाम के अंदर चावल में कीड़े चल रहे हैं ,वही साफ सफाई नहीं के बराबर है। फटाफट न्यूज़ रिपोर्टर को इस मामले में क्वालिटी स्पेक्टर ने बताया कि मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के तहत चावल का लॉट वेयरहाउस में लाया जाता है। फिर चावल का ब्रोकन एवं मॉस्चर, ड्डिस्कलर की जांच की जाती है तब जाकर चावल को पास किया जाता है । लेकिन कई ऐसे मौके आए हैं जिसकी जांच करके मैंने अमानक बताया बावजूद प्रबंधक द्वारा उस लाट को पास कर दिया गया। इस तरह वेयरहाउस क्वालिटी स्पेक्टर ने सीधा वेयरहाउस की प्रबंधक पर लगाया है। क्वालिटी इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच करने के लिए मशीन भी लगाई गई है जिससे जांच की जाती है वही एक लॉट में 580 बोरा चावल आता है जिसकी जांच के बाद ही उसे वेयरहाउस में रखा जाता है चावल का सैंपल लेने के अलग-अलग स्तर में जांच की जाती है लेकिन प्रबंधक की मनमानी के चलते अमानक को भी पास कर दिया जा रहा है।
वही बताया जा रहा है कि वेयर हाउस प्रबंधक का ट्रांसफर 5 महीने पहले हो गया है लेकिन वह यहां से जाने का नाम नहीं ले रहे हैं बावजूद अभी भी वेयरहाउस में जमे हुए है। ट्रांसफर होने के बाद भी वह यहां से रिलीव नहीं हुए । वेयर हाउस जिस मात्रा में चावल का स्टॉक है उसमें शार्टेज होना भी बताया जा रहा है। वेयरहाउस में इस तरह चावल का शार्टेज होना प्रबंधक की गैर जिम्मेदारी को बता रहा है। साफ सफाई के नाम में हजारों रुपए खर्च किए जाते हैं बावजूद गोदाम के अंदर साफ-सफाई नाम का कोई चीज नहीं चावल में कीड़े मकोड़े चल रहे हैं वहीं कई बोरे फटे बिखरे पड़े है। बावजूद प्रबंधक द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विगत दिनों जिसको लेकर प्रबंधक एवं राइस मिलर के बीच खूब हंगामा हुआ पैसे की लेनदेन को लेकर राइस मिलर और प्रबंधन के बीच तू-तू मैं-मैं भी हुई वही मिलर्स द्वारा पैसे लेने का आरोप लगाते हुए प्रबंधक के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।