पटना, २९ अक्टूबर ।
दिवाली के पहले राज्यकर्मियों एवं पेंशनधारकों के लिए चार प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता की घोषणा हो सकती है। इससे राज्य के लगभग 11 लाख सरकारी सेवकों और पेंशनधारकों को लाभ होगा।वित्त विभाग ने महंगाई भत्ता में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। स्वीकृति के लिए इसे यथाशीघ्र राज्य मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अभी 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान हो रहा है।चार प्रतिशत अतिरिक्त की स्वीकृति के बाद यह 46 प्रतिशत हो जाएगा। राज्य में लगभग 4.5 लाख सरकारी सेवक हैं। पेंशनधारकों की संख्या लगभग छह लाख है। बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों की उपेक्षा कम नहीं हो रही है। लंबे इंतजार के बाद उन्हें उच्चतर पद का प्रभार दे दिया गया, लेकिन पद नहीं दिया गया। उनके लिए निर्धारित पद पर पहले की तरह बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तैनात कर दिए गए।अब कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों को विभाग मूल पद की जगह उसके समकक्ष पद पर तैनात करेगा। यह पीड़ा उन डीसीएलआर (भूमि सुधार उप समाहर्ताओं) की है, जिन्हें हाल ही में राजस्व अधिकारी या समकक्ष पद से डीसीएलआर का प्रभार दिया गया है। इस समय इनकी संख्या एक दर्जन है।यह संख्या बढ़ भी सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से 25 अक्टूबर को इन अधिकारियों को उच्चतर पद का प्रभार देने की अधिसूचना जारी हुई। इसमें साफ लिखा गया है कि इन्हें डीसीएलआर एवं समकक्ष पद का उच्चतर प्रभार दिया गया है।इसके अगले दिन सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना जारी हुई।
इसके माध्यम से बिहार प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों को डीसीएलआर के पद पर तैनात कर दिया गया।26 अक्टूबर की सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना से की गई तैनाती के बाद राज्य के अनुमंडलों में डीसीएलआर का एक भी पद रिक्त नहीं है। हालांकि, बिहार राजस्व सेवा एवं बिहार ग्रामीण विकास सेवा के गठन से पहले अंचलों एवं प्रखंडों में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ही तैनात होते थे, लेकिन इन संवर्गों के गठन के बाद प्रखंड एवं अंचल स्तर पर बिप्रसे के अधिकारियों की भागीदारी कम हो गई। विभागीय सूत्रों ने बताया कि मूल पद के भर जाने की स्थिति में इन नव प्रोन्न्त डीसीएलआर को समकक्ष पदों पर तैनात करने की तैयारी चल रही है।सहायक निदेशक(कृषि गणना), सहायक निदेशक, सर्वेक्षण कार्यालय, गुलजारबाग, अनुदेशक चकबंदी प्रशिक्षण संस्थान, अनुदेशक सर्वे प्रशिक्षण संस्थान एवं अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी।