पटना। बिहार के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को अब पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा विभाग ने पीएम पोषण योजना के तहत मध्याह्न भोजन व्यवस्थापक के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बच्चों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।इसमें रसोइया को भी अच्छा मौका दिया गया है। उन्हें व्यवस्थापक बनने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, व्यवस्थापक बनने के लिए उन्हें सरकार की एक शर्त पूरी करनी होगी।पहले चरण में चिन्हित 10 जिलों में चयनित दो-दो पंचायत यानी कुल 20 पंचायतों के सभी विद्यालयों में प्रोजेक्ट लागू होगा। ये जिले मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूूर्णियां, भागलपुर, लखीसराय और औरंगाबाद हैं।
शुरू करने हेतु संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसके मुताबिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन तैयार कराने एवं बच्चों के खिलाने में अधिकतर समय व्यर्थ जाता है। इसके कारण बच्चों एवं शिक्षकों का बहुमूल्य समय नष्ट होता है। इसलिए बच्चों को पका-पकाया भोजनउपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक पंचायत के लिए मध्याह्न भोजन व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक चयनित किया जाएगा जिसके ऊपर योजना के संचालन की पूर्ण जवाबदेही होगी। इसमें खाद्य सामग्री क्रय करना, भोजन बनवाना, बच्चों को भोजन खिलाना व रसोईघर की साफ-सफाई समेत अन्य कार्य शामिल है।जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक का चयन किया जाएगा। इसमें रसोइया को भी मौका मिलेगा। यदि रसोइया स्नातक पास हैं तो उन्हें मौका दिया जाएगा।व्यवस्थापक के लिए शिक्षा सेवक/विकास मित्र/प्रखंड साधन सेवी (मध्याह्न भोजन योजना) अथवा प्रखंड/पंचायत स्तर पर उपलब्ध किसी मानवबल से चयन किया जा सकता है। व्यवस्थापक की शैक्षणिक योग्यता कम से कम स्नातक होनी चाहिए। सहायक की योग्यता मैट्रिक अथवा इंरमीडिएट होनी चाहिए। यह ध्यान रहे कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत विद्यालयों में रसोईया व सहायक रसोईया कार्यरत है।
इनमें से कई रसोईया का शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। यदि ऐसे रसोईया स्वेच्छा से व्यवस्थापक का दायित्व निभाना चाहते है तो उनके चयन पर भी विचार किया जा सकता है। जिस किसी कर्मी को व्यवस्थापक का दायित्व दिया जाएगा वे अपने कार्य के अतिरिक्त उक्त दायित्व का भी निर्वहन करेंगे। इस कार्य हेतु उन्हें अलग से वेतन/मानदेय या अन्य भत्ता देय नहीं होगा।