
शरीफ १२ अक्टूबर । पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जाति आधारित गणना पर मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि उन्होंने जाति गणना का आंकड़ा प्रस्तुत कर समाज को टुकड़ों में बांटने का काम किया है। आंकड़ा प्रस्तुत होने पर कई जातियों को लोग आंकड़े को फर्जी बता रहे हैं।समाज को कई वर्गों में बांट दिया गया है। कानू, तेली, कैथ, बनिया, सोनार व अन्य जातियों को अलग-अलग कर दिया गया है। लोहार समाज को दो वर्गों में बांट दिया गया है। मुस्लिम में सिया समाज की गणना सही से नहीं किया गया है। जबकि बुद्धिस्ट, जैन, सिक्ख समाज के लोगों का कहीं जिक्र नहीं है। बिहार की धरती बौद्ध व जैन की धरती कही जाती है। सिक्ख गुरुओं की तो यह जन्मस्थली है। प्रस्तुत किया गया आंकड़ा संदेह के घेरे में है।इसी वजह से आज कम या ज्यादा की लड़ाई हो रही है। नीतीश कुमार बिहारी अस्मिता की बात करते थे। उन्होंने बिहार को जाति के टुकड़ों में बांटने का काम किया है। 2005 में जब उन्हें बिहार की जनता ने जनमत दिया था तो लोगों में बिहारीपन जगाने के लिए बिहार दिवस की शुरुआत किए थे। आज सभी जाति के लोग परेशान हैं। लोकसभा चुनाव में जदयू किसी सीट पर चुनाव जीतने नहीं जा रही है।