
मुंबई, 2७ नवंबर।
महाराष्ट्र में हुए चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब सबकी नजरें महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पर हैं। वहीं, महाराष्ट्र में शीर्ष पद कौन लेगा – देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे – इस पर महायुति गठबंधन के भीतर गहन विचार-विमर्श के बीच, भारतीय जनता पार्टी ने संकेत दिया कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए बिहार के फार्मूले को दोहराने का कोई सवाल ही नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संवैधानिक बाध्यता के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने बताया, सबसे पहले, नीतीश कुमार को सीएम बनाने की घोषणा चुनाव से पहले की गई थी। महाराष्ट्र में शिवसेना से ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई गई थी। दूसरी बात, हमने बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन किया ताकि भाजपा राज्य में अपनी पैठ बना सके, जो नहीं हुआ। इसलिए महाराष्ट्र में भी ऐसा करने का सवाल ही नहीं उठता। इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि बिहार में लागू मॉडल महाराष्ट्र के लिए सही नहीं है। महाराष्ट्र में इस तरह की प्रतिबद्धता की कोई वजह नहीं है, क्योंकि हमारे पास मजबूत संगठनात्मक आधार और नेतृत्व है। सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी ने चुनाव के बाद भी एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए रखने की कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।
इसके विपरीत, शीर्ष नेतृत्व ने पूरे चुनाव के दौरान यही कहा कि सीएम पर फैसला चुनावी नतीजों के आधार पर होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चुनाव समन्वयक रावसाहेब दानवे ने शिवसेना के कुछ नेताओं के इस दावे को खारिज कर दिया कि चुनाव से पहले शिंदे को शीर्ष पद का वादा किया गया था। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दो पार्टियों ने पहले ही अपने विधायक दल के नेता नियुक्त कर दिए हैं और भाजपा जल्द ही एक नेता का चयन करेगी।