पटना, २३ अगस्त ।
अपराध नियंत्रण और बेहतर कानून-व्यवस्था को लेकर बिहार पुलिस शहर के गली-मोहल्लों में जाकर डोर टू डोर सर्वे करेगी। इसकी शुरुआत पटना से होगी। बाद में अन्य प्रमुख शहरों में भी पुलिस सर्वे करेगी। हाल में फिर से सक्रिय किए गए टाउन आउटपोस्ट (टीओपी) के माध्यम से सर्वे किया जाएगा। एक माह में सर्वे का काम पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि नो योर एरिया-नो योर पीपुल (अपने इलाके को जानो, अपने लोगों को जानो) की तर्ज पर टीओपी के पुलिसकर्मी यह सर्वे करेंगे। सर्वे के दौरान पुलिसकर्मी घरों और दुकानों में जाकर लोगों से फीडबैक लेंगे। संबंधित इलाके की समस्याओं की पहचान करेंगे। अपराध के दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों को चिह्नित करेंगे। जैसे- किस इलाके में छिनतई अधिक हो रही है, किन इलाकों में चोरी या लूट की घटनाएं अधिक हैं आदि। गली-मोहल्लों में उपद्रव मचाने वाले नए आपराधिक गिरोहों को भी चिह्नित किया जाएगा। इन सभी का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। सर्वे के दौरान ही पुलिसकर्मी लोगों को अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों के बाहर भी कैमरा लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
इन कैमरों को कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा ताकि पुलिस-प्रशासन संबंधित इलाके में कोई घटना होने पर कैमरों का फुटेज देख सके। एडीजी गंगवार ने बताया कि पटना में 106 टीओपी की सूची बनाई गई है। पहले इनमें महज 20-22 टीओपी ही काम कर रहे थे। पिछले एक-दो माह में पटना में 75-76 टीओपी को सक्रिय कर दिया गया है। आगामी पर्व-त्योहारों को देखते हुए शेष 30 टीओपी को भी एक माह में सक्रिय कर दिया जाएगा। यह टीओपी थाना और आमलोगों के बीच सेतु का काम करेंगे। एक टीओपी में एक पदाधिकारी या हवलदार के साथ तीन से चार सिपाही रहेंगे। प्रत्येक टीओपी के पुलिसकर्मी को सर्वे और गश्ती के लिए बीटवार और वार्डवार जिम्मेदारी दी जा रही है। एडीजी ने बताया कि कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के जरिए पटना के विभिन्न इलाकों की निगरानी के लिए दो हजार कैमरे लगाए जाने हैं।
वर्तमान में करीब 1600 सीसीटीवी कैमरे राजधानी में लगाए गए हैं। जल्द ही 400 अन्य कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा गली-मोहल्लों के सर्वे के दौरान ऐसे सार्वजनिक जगहों को भी चिह्नित किया जाएगा जहां फेज-टू के तहत कैमरे लगाए जाएंगे।
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