पटना, ११ फरवरी । बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट सोमवार को होगा। इससे पहले सियासी हलचल तेज है। सभी दलों को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। यही कारण है कि तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के साथ ही वाम दलों को अपने सरकारी आवास पर रोका है। कांग्रेस के विधायक भी तेलंगाना से सीधे यही आएंगे। सभी विधायकों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था यहां की गई है। इंडिया गठबंधन के सभी दल साथ हैं। सभी विधायक एकजुट हैं। सभी ने ठाना है कि बिहार को बचाना है और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है। नीतीश कुमार बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। उनके कई विधायक हमें लगातार संपर्क कर रहे हैं। इस बीच, जदयू ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज शाम पांच बजे मंत्री विकास चौधरी के सरकारी आवास पर है। साथ ही जदयू ने विधायकों के लिए व्हिप जारी करते हुए सभी को सोमवार को विधानसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के लिए कहा है। भाजपा के विधायक बोधगया में है, जहां प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद तेजस्वी ने कहा था कि असली खेल अभी बाकी है। इसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि क्या लालू यादव कोई बड़ा उलटफेर करने जा रहे हैं। बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहार हैं, जो आरजेडी के हैं। ऐसे में यदि विधानसभा स्पीकर के रूप में वे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है। अभी एनडीए के पास 128 विधायक और महागठबंधन के पास 115 विधायकों का साथ है। तेजस्वी की नजर मांझी की पार्टी हम के चार विधायकों पर थी, लेकिन मांझी साफ कह चुके हैं कि वे एनडीए के साथ ही हैं।