सरकारी रूपयों की रिकवरी पर फंसा पेंच

कोरबा। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार पर्याप्त फंड आवंटित कर रही है ताकि वहां पर सुविधा उपलब्ध होने में समस्या ना हो सके। कुछ इलाकों में सरकार की इस उदारता का अनुचित लाभ लिया जा रहा है। कोरबा जिले के पाली विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मुड़पार ग्राम पंचायत में इसी प्रकार का कारनामा हुआ है और इसका नतीजा है कि अब आधे अधूरे मुक्तिधाम में सब अंतिम संस्कार खुली स्थिति में करना पड़ रहा है। इस मामले में जांच के आदेश दिए जरूर गए हैं लेकिन रिकवरी पर पेंच फंस गया है।
कोरबा जिले में अनेक पंचायत संस्था में सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किए जाने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। इसके पीछे कई प्रकार की चालबाजी की जा रही है ताकि धनराशि से अपनी समृद्धि के दरवाजे खोले जा सके। तरुण छत्तीसगढ़ को मिली जानकारी में बताया गया है कि पाली विकासखंड के मूल पर ग्राम पंचायत में सरकार की योजना के अंतर्गत मुक्तिधाम का निर्माण करने के लिए 10 लाख मंजूर किए गए थे। इससे सर्व सुविधायुक्त मुक्तिधाम का निर्माण यहां पर होना था। स्थानीय स्तर पर यह व्यवस्था होने से लोगों को सहूलियत मिलती और हर मौसम में वे परेशानियों से बच सकते थे। बताया गया कि सरपंच और पूर्व सचिव ने मिलकर योजना पर काम शुरू किया लेकिन मुक्तिधाम का काम पूरा किए बिना ही 8 लाख रुपए का आहरण कर लिया। बताया गया कि गांव में मुक्तिधाम के नाम पर केवल बीम का स्ट्रक्चर ही खड़ा किया गया है। बाकी कोई काम यहां पर नहीं हो सका है। इस प्रकार की अनियमितता के कारण अब हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली मौत के मामले में मृतकों के अंतिम संस्कार खुली स्थिति में करने की मजबूरी है। गर्मी और ठंड के सीजन में किसी तरह कामकाज निपटा जाता है लेकिन बारिश का मौसम इस प्रकार की घटनाओं के लिए कई प्रकार की मुश्किल खड़ा करता है और मृतकों की परिजन सहित अन्य लोगों को दुश्वारियां से दो-चार होना पड़ता है। पंचायत के मौजूदा सचिव से इस बारे में चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि मुक्तिधाम से संबंधित कामकाज के लिए जो धनराशि विड्रॉ की गई है वह पिछले सचिव के कार्यकाल से संबंधित है और उसका निधन हो चुका है। इस मामले में जानकारी यह भी मिली है कि प्रकरण पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के संज्ञान में आने पर रिकवरी का नोटिस दिया गया है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर किस प्रकार से यह कार्रवाई संपन्न हो सकेगी।
कई पंचायतों को नोटिस
पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दो विकासखंड में आर्थिक अनियमितता के मामले जिले में सबसे ज्यादा है। अलग-अलग तरीके से सरकारी धन राशि पर पलीता लगाने का काम सरपंच और सचिवों ने किया है। मामले सामने आने पर प्रशासन ने संज्ञान लेकर रिकव्हरी का नोटिस जारी कर दिया। इस पर राजनीतिक तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि चुन-चुनकर खास सरपंचों को टारगेट किया गया है।