
जांजगीर । शहर में स्पीड पर लगाम नहीं है। युवा शहर के अंदर व हाइवे में स्पीड में बाइक व कार को दौड़ा रहे। इससे आए दिन हादसे हो रही है। कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। साथ ही कई लोगों की असमय मौत भी हो गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन है। ओवर स्पीड को कम करने कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शायद उसको किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है। रफ्तार के कारण होने वाले हादसे रूकने का नाम नहीं ले रही है। वहीं पुलिस की ओरसे तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। हाइवे से लेकर शहर अंदर में खतरनाक तरीके से दौड़ रहे वाहन रोज ही लोगों की जान ले रहे हैं या लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे है। इसमें अधिकांश युवा वर्ग के लोग शामिल है। रविवार को ही शहर के लिंक रोड में चंदनिया पारा निवास राजकुमार चतुर्वेदी रात 8 करीब स्कूटी से घर जा रहे थे। तभी अनियंत्रित व तेज रफ्तार में बाइक सवार आए और राजकुमार चतुर्वेदी के स्कूटी को ठोकर मार दिया। इससे पैर, सिर व हाथ में गंभीर चोटें आई। जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के उसे बिलासपुर रेफर कर दिया। जहां उनका इलाज चल रहा है। पैर में गंभीर चोटे आई है उसको चलने में भी परेशानी हो रही है। इसी तरह न्यू चंदनिया पारा निवासी मोनू यादव रात करीब 9 बजे घर लौट रहा था। तभी रविदास चौक के पास एक अनियंत्रित कार ने मोनू यादव को ठोकर मार दी। इसके बाद फरार भी हो गया। इधर मोनू यादव के रीढ़ के हड्डी में चोटे आई। वह फोन कर परिजनों को बुलाया, घंटे के बाद उसका इलाज शुरू हो सका। इसी तरह पखवाड़े भर पहले हाइवे में अकलतरा मोड़ के पास तेज रफ्तार बाइक की आपस में भिड़ंत हो गई थी। इससे दो लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह शहर अंदर तेज रफ्तार बाइक से हर रोज छोटे हादसे हो रहे है। फिर भी जिम्मेदार यातायात पुलिस वसूली में व्यस्त है। उसको आम लोगों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। वाहनों की स्पीड को कम करने के लिए यातायात पुलिस को लाखों रुपए की स्पीड राडार गन मिली है। लेकिन वह केवल आफिस का शोभा बढ़ा रहा है। यातायात पुलिस केवल दो बार ही इसका उपयोग की है। इसके बाद जिले में फिर यह नजर नहीं आया है। सबसे बड़ी बात अधिकांश कार व बाइक को नाबालिग फर्राटे भर रहे हैं। हादसे के बाद फरार हो जाते हैं। उसके बाद दूसरे दिन से फिर से स्पीड में वाहन चलाना शुरू कर देते है।