नई दिल्ली। चुनाव प्रचार के दौरान कटु बोल और निजी हमलों से बचने की नसीहत के बाद राजनीतिक दलों की ओर से अपनाए जा रहे इस रवैये से नाखुश चुनाव आयोग अब इसे लेकर जल्द ही कुछ और भी सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। इस दौरान सभी राजनीतिक दलों को नए सिरे से इसे लेकर दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं। साथ ही इसका पालन न होने पर उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती की जा सकती है, जिसमें स्टार प्रचारकों की संख्या कम करने के साथ ही कम संख्या में वाहनों की अनुमति देने और रैलियों की संख्या कम करने जैसे सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं।
चुनाव आयोग इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को नोटिस जारी कर यह जानकारी भी मांगने की तैयारी में है कि चुनाव प्रचार को लेकर पूर्व में उन्हें जो निर्देश दिए गए थे, उसका वह चुनाव प्रचार के दौरान किस तरह से पालन कर रहे है। आयोग का मानना है कि चुनाव प्रचार स्वस्थ और मुद्दा आधारित होना चाहिए। प्रचार के दौरान किसी के खिलाफ निजी टिप्पणी या ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए,जो एक दूसरे दलों के बीच कटुता को बढ़ाने वाले हो। यह स्थिति तब है जब आयोग ने हाल ही में कई राजनीतिक दलों को ऐसे ही कटु बोल और निजी हमलों को लेकर नोटिस जारी कर जवाब सवाल कर चुका है। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के कटुतापूर्ण बयानबाजी को लेकर आयोग पहले से सतर्क है।