शिवरीनारायण। महानदी पर निर्मित बैराज का गेट गुरुवार को दोपहर अचानक खोल दिए जाने से अफरा तफरी मच गई। बैराज के नीचे नदी में नहा रहे बच्चे बहने लगे। बाकी बच्चे तैर कर निकल गए मगर एक बच्चे को आसपास के लोगों ने निकाला। वहीं नदी में कम पानी होने की वजह से कुछ बाइक सवार भी उसी में से आना जाना कर रहे थे। वे भी किसी तरह नदी से बाहर निकले।शिवरीनारायण में महानदी पर शबरी पुल के नीचे बैराज बनाया गया है। इसके गेट खोलने से पहले सायरन बजाने का नियम है ताकि लोग सर्तक हो जाएं और नदी के आसपास न जाएं। मगर गुरूवार 2 मई को बैराज के अधिकारी कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई। शिवरीनारायण बैराज में 15 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है।
दोपहर में बैराज के 4 गेट अचानक खोल दिए गए। इसके पहले न जो एनाउंस किया गया और ना ही सायरन बजाया गया। गर्मी का दिन होने के कारण बैराज के नीचे बच्चे नहा रहे थे। अचानक महानदी का जलस्तर बढऩे व बहाव तेज होने से वे घबरा गए। बैराज के नीचे नहा रहे छोटे बच्चे, युवा और बाइक सवार तेज बहाव में बहने लगे। जिससे लोगों में अफरा तरफ मच गई। लोग अपनी जान बचाने भागने लगे। तेज बहाव से कुछ लोग अपने से सम्भले और कुछ बच्चों को वहां उपस्थित लोगों ने बचाया। बाकी बच्चे किसी तरह तैर कर निकल गए मगर एक बच्चा बहने लगा जिसे आसपास के लोगों ने निकाला। किस्मत अच्छी थी कि बड़ी घटना टल गई। तेज बहाव में बहने से लोगों की जान भी जा सकती थी। कुछ दूरी पर बड़े बड़े पत्थर भी रखे हुए थे तेज बहाव के कारण पत्थरों में टकराकर चोटिल होकर लोग गम्भीर रूप से घायल भी हो सकते थे। इस तरह की लापरवाही से बैराज के अधिकारियों को सबक लेने की आवश्यकता है। अन्यथा उनकी लापरवाही से लोगों की जान भी जा सकती है।
प्रशासन को भी नहीं दी सूचना
बैराज के चार गेट खोलने से पहले ना मुनादी कराई गई ना सायरन बजाया गया। इतना ही नहीं बैराज के अधिकारियों ने प्रशासन को भी सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। जब इस संबंध में शिवरीनारायण तहसीलदार कृष्ण कुमार जायसवाल से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बैराज के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा उन्हें भी किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई है।
बैराज के अधिकारियों द्वारा बिना मुनादी कराए और बिना सायरन बजाए गेट खोला गया है तो यह उनकी बड़ी लापरवाही है। इसका प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को भेजा जाएगा।
कृष्णकुमार जायसवाल
तहसीलदार, शिवरीनारायण