कोरबा। लोकपर्व हरेली से जहां संस्कृति और परंपरा को मजबूती देने की कोशिश की गई वहीं विविध प्रतियोगिताओं के माध्यम से बताया गया कि जीवन एक प्रकार से संतुलन का नाम है। सर्वमंगला नगर में पहली बार इस तरह का स्वस्थ मनोरंजन हरेली पर हुआ। क्षेत्र के लोगों ने इसकी सराहना की।
सर्वमंगला नगर में क्षेत्रीय विकास समिति ने हरेली पर्व को खास मनाने के लिए क्रियाशीलता दिखाई। कई आयाम इसमें शामिल किए गए। युवाओं के साथ लगातार विचार विनियम से यह कार्यक्रम काफी अच्छा हुआ। यहां के मुख्य मैदान में हरेली पर विविध पारंपरिक खेल नारियल फेंक, बोरा दौड़, चम्मच दौड़, रस्सा-कस्सी, सत्तूल, फुगड़ी, गेड़ी जैसे खेलों का प्रतियोगिता रखा गया था। जिसमें सुबह से ही युवा, बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। ये सभी प्रतियोगिताएं साहस, रोमांच और उत्साह का पर्याय रही। खेल में जीतने वाले प्रतिभागियों को समिति द्वारा प्रशस्ति पत्र, मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्य, महिला समिति व वार्ड के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
निभाई गई परंपरा
हरेली पर यहां परंपरागत रूप से कृषि उपकरणों की पूजा अर्चना की गई। लुहार ने हर घर के मुख्य द्वार पर कील लगाए। वहीं नीम की पत्ती लगाकर व घरों के चौखट में आशीष देते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उस घर में रहने वालों की अनिष्ट से रक्षा होती है। इसके बदले में किसान उन्हे दान स्वरूप स्वेच्छा से दाल, चावल, सब्जी और नगद राशि देते हैं।