कोरबा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के जमनीपाली सेवाकेंद्र द्वारा रामनगर में 7 दिवसीय श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ प्रवचन माला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साई मन्दिर से कलश यात्रा निकाली गयी। इस अवसर पर रामनगर साई मन्दिर के पुजारी श्री सतानंद महाराज, बीके रुक्मणी दीदी, बीके बिन्दु दीदी, बीके विद्या दीदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर किया गया, तपञ्चात प्रवचन वक्ता राजयोगिनी तुलसी दीदी जी का स्वागत किया गया।
गीता का अध्यात्मिक रहस्य बताते हुये दीदी जी ने कहा कि गीता एक पवित्र ग्रंथ है जो भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ज्ञान है। गीता का वर्णन करते हुए उन्होने बताया की कौरोवो के सारे भाईयो का नाम दू से शुरू होता है ओर दू अर्थात् दुख देने वाला। उन्होने कहा कि कौरव अर्थात् देह अभिमान। दीदी जी ने कहा कि हम सबको अवश्य ही गीता का अध्ययन करना चाहिये। उन्होने कहा कि आजकल मनुष्य चाँद तक पहुंच गया है लेकिन अपने अन्दर को नहीं जान पाया।
हर व्यक्ति चचाहता है कि हमे शांति मिले। अगर हम भगवान से रिश्ता जोडते है तो वो हमारा कदम कदम पर मदद करता है। अगर हम अपने संस्कारो को देवता जैसे बनायेंगे तब ही हम उस राम नगरी में जा पायेंगे। हमे अपने जीवन में ऐसे कर्म करना चाहिए जो हमारी अंतिम घड़ी में भी हम खुशी खुशी जा सकते है और उन्होंने बताया कि हमारे बुलाने पे भगवन इस धरा पर आ चुका है तो हम क्यों नही अपने इस भागदौड़ वाली जि़न्दगी से अपने लिए कुछ समय निकाल उनके द्वारा दिए जा रहे गीता ज्ञान को सुनके अपने जीवन को खुशहाल बना सके 7 कार्यक्रम के पहले दिन लगभग 200 लोगो ने लाभ लिया और अपने जीवन को खुशहाल बनाने का तरीका सिखा ।