जालौन, २२ नवंबर ।
स्टेट बैंक की शहर शाखा से एक बैंक खाता धारक का लॉकर खोल कर उससे 81 लाख रुपये कीमत के जेवर चोरी हो गए। खाता धारक को दोपहर के समय शाखा मैनेजर ने फोन करके जानकारी दी कि तुम्हारा लॉकर खुला हुआ है। सूचना पर खाता धारक बैंक पहुंचा तो देखा कि वहां उसका लॉकर खुला था, उसकी ओर से जो ताला लगाया गया था वह भी मौके पर नहीं मिला। लॉकर के अंदर रखे उसके जेवर के तीन बॉक्स खाली मिले। पीडि़त ने शाम छह बजे कोतवाली पहुंच कर लिखित रूप से इस घटना की शिकायत दर्ज कराई और लॉकर से जेवर चोरी करने का आरोप बैंक मैनेजर सहित दो अन्य कर्मियों पर लगाया है। बैंक मैनेजर ने अपने रीजनल ऑफिस में इस घटना की जानकारी दी है। लॉकर के बाहर लगे कैमरे की फुटेज अभी तक नहीं खंगाली जा सकी हैं। रीजनल मैनेजर का कहना है कि खाता धारक की ओर से लॉकर को पूरी तरह से लॉक नहीं किया गया, इसी कारण वहां किसी अन्य खाताधारक की ओर से उसका लॉकर खोले जाने की संभावना दिख रही है।शहर के मोहल्ला गांधी नगर निवासी अधिवक्ता आनंद स्वरूप श्रीवास्तव ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उनका शहर शाखा स्टेट बैंक में लॉकर नंबर 29जी का वर्ष 1980 से संचालन हो रहा है, जिसमें उनके पुश्तैनी सोने व चांदी के तीन डिब्बों में जेवरात रखे हुए थे। इसमें चार सोने के हार वजन 480 ग्राम, 16 सोने की चूड़ी वजन 300 ग्राम, 4 सोने की जंजीर वजन 140 ग्राम, एक सोने का बाजूबंद 55 ग्राम, एक बेंदी सोने की 8 ग्राम, एक नथ सोने की 6 ग्राम, तीन जोड़ी सोने के टाप्स वजन 25 ग्राम, झाला सोने के एक जोड़ी वजन आठ ग्राम, 10 सोने की अंगूठी वजन 110 ग्राम, एक हाफ पेटी चांदी की वजन 500 ग्राम, 90 चांदी के सिक्के रखे हुए थे, जिनकी कीमत करीब 81 लाख रुपये है। बताया कि 13 अगस्त 2024 को दोपहर में अपना चेक करने गए थे, उसे खोल कर देखा था और बराबर बंद करके आए थे। उस समय जेवरात लॉकर में रखे हुए थे। लाक के अलावा उसमें अलग से ताला लगा दिया था। आरोप लगाया कि लॉकर ऑपरेट करते समय एकाउंटेंट व इनके साथ सहकर्मी भी थे। इन लोगों ने लॉकर ऑपरेट करते समय लॉकर में रखे जेवरात देख लिए थे। गुरुवार की दोपहर दो बजे बैंक कर्मी बलवान सिंह ने फोन कर जल्द बैंक आने को कहा। जब वह बैंक पहुंचे तो देखा कि उनका लॉकर खुला हुआ है और तीन डिब्बों में रखे जेवरात गायब हैं। इसके बाद उन्होंने बैंक मैनेजर अंकित तिवारी से जानकारी की तो वह बोले कि तुम गलती से लॉकर खुला छोड़ गए होगे। वह बैंक में करीब तीन घंटे तक रुके रहे। शाम छह बजे उन्होंने मामले की सूचना उरई कोतवाली पुलिस को दी। पीडि़त आनंद स्वरूप श्रीवास्तव ने कहा कि जब वह अगस्त में लॉकर देखने गए थे तो वहां पर प्रणय श्रीवास्तव, मैनेजर अंकित तिवारी व अन्य सहकर्मी भी थे। बैंक से जाने के बाद मैनेजर अंकित तिवारी व प्रणय श्रीवास्तव आदि सभी सहकर्मियों ने ही बैंक के लॉकर की चाबी मिलवाकर 81 लाख रुपये के कीमती जेवरात चोरी कर लिए हैं।स्टेट बैंक सिटी शाखा में हाई सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सिक्योरिटी गार्ड रात-दिन तैनात रहते हैं और प्रतिदिन लॉकर हाउस को मैनेजर अंकित तिवारी के साथ सभी जिम्मेदार अधिकारी लॉकर चेक करके बैंक बंद करते हैं।
इसके बाद उनके जेवरात चोरी हो गए और बैंक कर्मचारी मामले को दबा रहे हैं।ब्रांच का लॉकर प्रॉपर बंद नहीं किया था। अन्य कस्टमर लॉकर वाले कक्ष में जाते रहते हैं। लॉकर की एक चाबी उपभोक्ता के पास और दूसरी बैंक में रहती है। दोनों चाबियां मिलने के बाद लॉकर खुलता है। उपभोक्ता स्वयं उसको ऑपरेट करके बंद कर चला जाता है। साथ ही उपभोक्ता अलग से भी ताला डाल देते हैं। -अमर पाल, रीजनल मैनेजर, अकबरपुर कानपुर देहात।पूरे बैंक में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। साथ ही लॉकर कक्ष के बाहर भी कैमरे लगे हैं। आगे की जांच के लिए फुटेज देखे जाएंगे। अभी बैंक की ओर से पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है।बैंक की ओर से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली थी, पीडि़त पक्ष की ओर से मिली लिखित तहरीर के आधार पर मामले की जांच कराई जा रही है, यह चोरी का मामला नहीं है, धोखाधड़ी करके जेवर निकाले गए हैं, बैंक के जिम्मेदार बताएं कि लॉकर से जेवर कहां गए, इसकी गहन जांच कराई जाएगी।