
जांजगीर-चांपा। नगरपालिका जांजगीर नैला में आखिरकार सोमवार को पीआईसी की बैठक आयोजित की गई और दर्जनों विकास कार्यों का भूमिपूजन कर दिया गया। वहीं विपक्ष के लोग देखते रह गए। सीएमओ व नगरपालिका अध्यक्ष के बीच आपसी खींचतान का दौर अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। करोड़ों के विकास कार्यों पर विराम लग गया था। क्योंकि पीआईसी की बैठक नहीं हो पा रही थी। हर बार की तरह सोमवार को फिर से पीआईसी की बैठक हुई। बैठक में विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा हुई और अध्यक्ष ने अपने पीआईसी मेंबरों के बीच विकास कार्यों पर मोहर लगाते हुए नगरपालिका परिषद में ही भूमिपूजन कर दिया। जो शहर में चर्चा का विषय बना रहा। विपक्ष के पदाधिकारी इस कार्य को गलत बताया। विपक्ष का कहना था कि एक ओर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक चल रहा है। इस दौरान भूमिपूजन गलत है। वहीं जानकारों का कहना था कि भूमिपूजन किया जा सकता है। क्योंकि इसमें किसी तरह का तामझाम नहीं किया जाता। यदि यही कार्य हर्षोल्लास के साथ किया गया होता तो गलत था।
जांजगीर स्थित शारदा मंदिर के पास गांधी भवन है। इस भवन का इस्तेमाल अमूमन सामाजिक कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है। जिसे स्थानीय विधायक ब्यास कश्यप ने बतौर किराए के लिए एक हजार रुपए प्रति माह के लिए किराए के रूप में मांग की थी। जिसे पीआईसी में पास कर दिया गया। जिसे विपक्ष ने गलत करार देते हुए इसे मनमानी बताया। नपा उपाध्यक्ष आशुतोष गोस्वामी ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन कांग्रेसी पार्षदों ने इस पर हामी भी भर दी। गोस्वामी ने बताया कि दलगत राजनीति से परे होकर यहां पूरे पांच साल से काम किया जा रहा है।
विडंबना यह है कि मौके पर विपक्ष के सारे के सारे पार्षद मौजूद थे। उनके विरोध के बाद भी इस तरह का आयोजन गलत था। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद के वार्डों में किए जाने वाले विकास कार्यों को दरकिनार कर दिया गया।