
नईदिल्ली। पूर्व उद्योगपति और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक ललित मोदी ने वनातु की नागरिकता हासिल कर ली है। इसका मतलब है कि ललित मोदी को स्वदेश लाना अब और मुश्किल हो गया है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय का भी रिएक्शन सामने आया है। 15 वर्ष पहले भारतीय जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर विदेश भाग चुके ललित मोदी ने न सिर्फ भारतीय नागरिकता छोडऩे का आवदेन भारत सरकार को भेजा है बल्कि प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटे से द्वीपीय देश वनातु की नागरिकता भी ले ली है। यह बात भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्वीकार की है। भारत में आर्थिक अपराध करके विदेश जाने वाले अन्य उद्योगपतियों जैसे विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को भी स्वदेश लाने की कोशिशों का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के पास अपनी नागरिकता छोडऩे को लेकर आवेदन भेजा है। सरकार के कानून व नियमों के हिसाब से इस पर फैसला किया जाएगा। हमें यह भी पता चला है कि उसने वनातु की नागरिकता ले ली है, लेकिन हम भारतीय कानून के मुताबिक उसे स्वदेश लाने की कोशिश जारी रखेंगे।वनातु आस्ट्रेलिया के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। यहां सिर्फ 1.30 लाख डालर निवेश करने पर नागरिकता ली जा सकती है।
अगर पति व पत्नी दोनों नागरिकता लेते हैं तो संयुक्त निवेश राशि में काफी बड़ी छूट मिलती है। ललित मोदी पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। उनपर हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) का उल्लंघन करने का आरोप है। अनधिकृत फंड ट्रांसफर सहित वित्तीय कदाचार के लिए जांच के दौरान उन्होंने 2010 में भारत छोड़ दिया था।