नईदिल्ली, 0४ जून ।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में बस संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से स्पष्ट हो गया है कि इस बार विदेशी दखलंदाजी से इसमें करोड़ों डालर खर्च किए गए ताकि घातक नैरेटिव सेट किए जा सकें। भारतीय मतदाताओं की सोच को प्रभावित करने के लिए बड़ी पूंजी लगाकर कथानकों का सृजन किया गया।ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (ओएसआइएनटी) की रिपोर्ट इनविजबिल हैंड्स – फारेन इंटरफेरेंस इन इंडियन इलेक्शंस 2024 को डिसइनफो लैब नाम के संगठन ने जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब करोड़ों भारतीय अपना भविष्य तय कर रहे थे, तब वैश्विक मीडिया और अकादमिया ने भारतीयों के मत को प्रभावित करने के लिए खतरनाक दुष्चक्र रचे थे। इसलिए वह भारतीय जनमानस पर अथक प्रहार करते रहे। ्रद्वद्बह्ल स्द्धड्डद्ध के खिलाफ जयराम रमेश के आरोपों पर चुनाव आयोग ने लगाई फटकार सोची-समझी रणनीति के तहत एजेंडा आगे बढ़ाया जा रहापिछले कुछ महीनों से भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं पर तीखे हमले हो रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिष्ठानों पर भी विदेशी मीडिया, अकादमिया और सक्रिय कार्यकर्ता छिपे तौर पर हमले कर रहे हैं। सोची-समझी रणनीति के तहत एजेंडा आगे बढ़ाया जा रहा है। ताकि दुनिया के सामने सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नीचा दिखाया जा सके।यह अभियान सिर्फ पश्चिमी मीडिया तक सीमित नहीं रहा बल्कि उनके स्थानीय एजेंट भी यह बीड़ा उठाए रहे। आलेखों, ओपेड, शोध पत्रों के रूप में भारतीय चुनावों पर स्याह तस्वीर पेश की गई। कुछ फंडेड संगठनों ने पाकिस्तान प्रायोजित एजेंटों को हीरो के रूप में पेश करने की कोशिश की। इन लोगों ने अपने लेखों में भारत में गिरता लोकतंत्र, हिंदू बहुलवाद और फासीवादी जैसे शब्दों का आधिकाधिक प्रयोग किया गया। भारत के संबंध में इन बातों को मुख्यधारा की मीडिया पर थोपने का प्रयास हुआ।