
नईदिल्ली, 2९ नवंबर ।
भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य रु1 अंतरिक्ष में रहकर कमाल कर रहा है। अदित्य एल1 ने धरती पर ऐसा डेटा भेजा है जो कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया को संकट से बचाने वाला है। सूर्य पर लगातार आग के तूफान उठते रहते हैं जो कि धरती के इन्फ्रास्ट्रक्चर और उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ढ्ढस्क्रह्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि आदित्य एल1 अब सौर तूफान से संभाविक खतरे की जानकारी पहले ही दे देगा। ऐसे में अगली बार जब भी सूर्य पर हो रही गतिविधियों की वजह से धरती के बुनियादी ढांचे पर कोई खतरा आएगा तो उसे दूर करने में बड़ी मदद मिलेगी। आदित्य एल1 पर सात उपकरण लगाए गए हैं जो कि लगातार डेटा कलेक्शन का काम कर रहे हैं और धरती पर भेज रहे हैं।
आदित्य एल 1 में विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ नाम का यंत्र लगाया गया है। यह कोरोनल मास इजेक्शन का सही समय बता देता है। सूर्य के बाहरी परत कोरोना से निकलने वाले आवेशित कणों की वजह से होने वाले विस्फोट को सौर तूफान कहते हैं। इसका अध्ययन सौर मिशन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है। सीएमई सूर्य की बाहरी परत से उठने वाले आग के बड़े-बड़े गोले होते हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट में एक जानकार के हवाले से बताया गया कि ये आग के गोल आवेशित कणओं से मिलकर बनते हैं और इनका वजह एक ट्रिलियन किलोग्राम से भी ज्यादा हो सकता है। ये गोल 3 हजार किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से आगे बढ़ते हैं। सूर्य से उठने वाले आग के गोले की दिशा कुछ भी हो सकती है। यह पृथ्वी की तरफ भी आ सकता है, हालांकि इसकी संभावना कम ही रहती है।