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नईदिल्ली, 0६ फरवरी ]।
अमेरिकी सरकार के वैधानिक निकाय यूएस एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट से प्राप्त धन का उपयोग भारत विरोधी संगठन के वित्त पोषण में भी किया गया, जिसे खुद अमेरिकी सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशनको वित्त पोषण का मामला ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश के जरिये यूएसएड को बंद करना शुरू कर दिया है। एफआईएफ और लश्कर मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले में शामिल थे जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों ने छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी थी। आश्चर्य की बात यह है कि आतंकी संगठनों से जुड़ी इस्लामिक धर्मार्थ संस्था को वित्त पोषण की जांच के दायरे में आने के बावजूद यूएसएड ने उसे धन जारी करना जारी रखा।अब यूएसएड पर ट्रंप के कार्यकारी आदेश की तलवार लटक रही है, लेकिन इस कारण भारत में भी कई परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। दुनियाभर में एनजीओ को फंड करने वाली यूएसएड के लाभार्थियों में से एक एफआईंएफ है। आश्चर्यजनक यह भी है कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे का उपयोग ऐसे संगठन को वित्त पोषित करने में किया गया, जिसे अमेरिकी सरकार ने 2010 में प्रतिबंधित कर दिया था।