पुणे, २७ अक्टूबर।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए सफल समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में और कुशल कूटनीति से काम किया। जयशंकर ने छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने में अभी समय लगेगा। भरोसे को फिर से कायम करने और साथ मिलकर काम करने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा। जयशंकर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, तो यह निर्णय लिया गया था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए। यदि आज हम यहां तक पहुंचे हैं, तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी बात पर अड़े रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया है। सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में वहां (एलएसी पर) मौजूद थी। सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया।उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे में सुधार किया है।