नईदिल्ली, 0६ जनवरी ।
चीन में कोरोना के बाद अब एचएमपीवी वायरस आतंक मचा रहा है। वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते कई देश अलर्ट मोड पर है। अब इस वायरस का भारत में भी पहला केस मिल गया है। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के एक अस्पताल में 8 महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस पाया गया है। बच्चे को बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। भारत सरकार भी इसको लेकर सतर्क है और एडवाइजरी भी जारी हो चुकी है। वायरस का पता लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उनकी लैब में इसका पता नहीं चला है, एक निजी अस्पताल में ये मामला सामने आया।एचएमपीवी वायरस के ज्यादार मामले छोटे बच्चों में ही मिलते हैं। चीन में भी ये बच्चों में ही मिल रहा है। बताया गया है कि भारत में यह पहला मामला कर्नाटक के बंगलूरू में दर्ज किया गया है। इस केस के सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर कर्नाटक सरकार ने बैठक भी बुला ली है। इस बीच चीन में एचएमपीवी के अलावा कुछ और वायरस के भी फैलने की खबरें हैं। इनमें इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लासमा न्यूमोनिए और कोरोनावायरस के दोबारा फैलने से जुड़े दावे शामिल हैं। इसके अलावा कुछ अपुष्ट दावे हैं कि चीन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपातकाल लगा दिया है। खासकर एचएमपीवी वायरस, जिसके लक्षण कोरोनावायरस संक्रमण के जैसे ही हैं को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने निगरानी बढ़ा दी है। मौजूदा समय में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव के लिए कोई टीका (वैक्सीन) मौजूद नहीं है। इसके अलावा एंटी वायरल दवाइयों का प्रयोग इस पर असर नहीं डालता। ऐसे में एंटी वायरल का प्रयोग इंसानों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम कर सकता है।
इस वायरस से जूझ रहे लोगों को लक्षण हल्का करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। हालांकि, वायरस को खत्म करने लायक उपचार अभी मौजूद नहीं है। 2023 में एचएमपीवी के कई मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में दर्ज किए गए हैं। बीजिंग की कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के यूआन अस्पताल में श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के मुख्य चिकित्सक ली तोंगजेंग के मुताबिक, मास्क पहनने, हाथों को लगातार धोने और प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने से बीमारी से राहत मिल सकती है।