नईदिल्ली, 0७ जनवरी ।
ह्यूमन मेटानिमोवायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। देश में इसके पांच मामले सामने आए हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और गुजरात में एक बच्चे में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है। वैसे किसी भी बच्चे का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है। कर्नाटक में जिस एक बच्चे की एचएमपीवी रिपोर्ट पाजिटिव आई थी, वह ठीक होकर घर भी जा चुका है। इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएसीएमआर) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित बढ़ोतरी से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।बता दें कि एचएमपीवी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, जिससे सामान्य सर्दी-जुकाम जैसा संक्रमण होता है। बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में ब्रोंकोपन्यूमोनिया की हिस्ट्री वाली तीन महीने की एक बच्ची को भर्ती कराने के बाद उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्ची को ठीक होने बाद छुट्टी दे दी गई है। इसी अस्पताल में आठ माह के एक बच्चे का तीन जनवरी को कराया गया एचएमपीवी टेस्ट पाजिटिव पाया गया। वह भी अब ठीक हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ये दोनों मामले आईसीएमआर के नियमित निगरानी से सामने आए। वायरस संक्रमण पर नजर रखने के लिए न्यूमोनिया के कुछ मामलों का लेबोरेटरी में सैंपल भेजा जाता है ताकि संक्रमण करने वाले वायरस की सही पहचान की जा सके। चेन्नई में एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दो बच्चों में ह्यूमन मेटानिमोवायरस की पुष्टि हुई है और उनका इलाज चल रहा है। ये दोनों मामले चेन्नई शहर के दो-दो अलग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।उधर, गुजरात के अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती जिस बच्चे में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है, वह राजस्थान के डुंगरपुर का है। इस बीच राजस्थान सरकार ने कोविड, स्वाइन फ्लू और इंफ्लुएंजा से संक्रमित मरीजों के लिए अलग से ओपीडी एवं आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टर अतुल गोयल के अनुसार एचएमपीवी वायरस नया नहीं है और भारत समेत दुनिया के सभी देशों में लंबे समय से सक्रिय रहा है। सामान्य न्यूमोनिया वायरस की तरह सर्दियों में इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन भारत में इसका संक्रमण बढऩे का कोई संकेत नहीं मिला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर्दियों के मौसम में न्यूमोनिया वायरस का संक्रमण बढऩे का खतरा बढ़ जाता है और बुजुर्गों और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है।उनके अनुसार पूरे देश में इस समय न्यूमोनिया वायरस के संक्रमण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ से संबंधित बीमारियों पर नजर रखी जा रही है। लेकिन अभी तक इसमें किसी तरह की तेज बढ़ोतरी के संकेत नहीं मिले हैं। एचएमपीवी से संक्रमण होने की स्थिति में भी इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।