कोरबा। मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही कोरबा जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया था। बीती रात से रूक-रूककर रिमझिम बारिश होती रही। हालांकि सुबह करीब साढ़े सात बजे के बाद अचानक तेज मूसलाधार बारिश शुरु हो गई। मूसलाधार बारिश का दौर करीब 12 बजे तक जारी रहा। इतनी तेज बारिश की वजह से जिले के नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया। करतला क्षेत्र के घिनारा नाले का भी जलस्तर बढ़ गया था। मांड नदी के उफान पर आने से कई नाले भी पुल के ऊपर से बहते रहे। घिनारा नाला पुल की ऊंचाई बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है, लेकिन अब तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। हर साल दो से तीन बार मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। मार्ग अवरूद्ध होने पर बाइक को पार कराने के लिए स्थानीय लोगों ने मदद की।
लगातार बारिश से दर्री बरॉज का भी जलस्तर शुक्रवार की सुबह बढ़ गया। जलस्तर बढऩे से बरॉज के एक गेट को खोलकर 6800 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा गया। इससे हसदेव नदी का स्तर बढ़ गया है। सिंचाई विभाग ने नदी के आसपास जाने से मना किया है। दरअसल अभी दो में से एक नहर को मरम्मत के लिए बंद रखा गया है। सबसे अधिक बारिश करतला तहसील में 58.2 एमएम दर्ज की गई। जबकि कोरबा में 10.2, भैसमा में 13.2, कटघोरा में 22.2, दर्री में 12.6, पाली में सबसे कम 4.6, हरदीबाजार में 25.2, पोड़ीउपरोड़ा में 6.4 और पसान में 31.2 एमएम बारिश दर्ज की गई। कुल औसत 20.4 एमएम बारिश हुई। देरशाम से शुरु हुई बारिश शुक्रवार को दोपहर दो बजे तक जारी रही। विशेषकर सुबह सात बजे से लेकर 12 बजे तक हुई मूसलाधार बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। घिनारा में नाला उफान पर आ गया। नाले के उफान पर आने से दोपहर से शाम तक पुल पर आवागमन बाधित रहा। लगातार बारिश से शुक्रवार की सुबह चौक-चौराहों में पानी भरने लगा था। घंटाघर चौक, कोसाबाड़ी मार्ग, टीपीनगर चौक, बुधवारी चौक समेत कई बस्ती लालू राम कालोनी, कोसाबाड़ी, अमरैय्यापारा समेत कई इलाकों में पानी निकासी नहीं होने से पानी भरने लगा था। सुखद पहलू रहा कि दोपहर बाद बारिश थम गई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।