कार्यालय कैंपस की जमीन बचाने में नाकाम
कोरिया बैकुंठपुर। यूं तो कोरिया जिले में भ्रष्टाचार के नीत नए आयाम लिखे जाते हैं जिन्हें लेकर कोरिया जिला हमेशा से सुर्खियों में रहा है यहां की प्रशासनिक पकड़ ढीली होने के कारण अधिकारी करोड़ो का घोटाला करके चलते बनते हैं कोई कुछ नहीं कर सकता उल्टे प्रशासन के द्वारा पुरस्कार स्वरूप प्रमोशन मिलता है। जिले के उद्यानिकी विभाग के द्वारा पूर्व अधिकारी के द्वारा लगभग 1 करोड़ 25 लाख खर्च नहीं कर पाने पर बीज निगम के द्वारा वापस भेजा गया राज्य शासन को भेजने के लिए लेकिन जिले के पूर्व अधिकारी के द्वारा उक्त पैसे का बंदर बांट कर चलते बने इनके कारनामों की लिस्ट बड़ी लंबी है पूर्व अधिकारी के द्वारा जब भी भ्रष्टाचार करना होता था तो लंबी छुट्टी पर चले जाते थे और प्रभार किसी और को दे देते थे जिससे प्रभार में लंबा खेल होता था इसके बाद पुन: वापस आ जाते थे इसी प्रकार यह विभाग मूलत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए तथा किसानों के हित में काम करने के लिए है बावजूद इसके जिले का उद्यानिकी विभाग भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बंद कर रह गई है वहीं सूत्रों की माने तो एक अधिकारी के द्वारा तालाब घोटाले में करोड़ों का गबन करने के मामले में जेल भी जाना पड़ा था अंतत: राज्य शासन के द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई इसी प्रकार इस विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी सिर्फ फर्जी बिल का खेल खेलते हैं फर्जी बिल के बहाने करोड़ का वारा न्यारा हो जाता है फर्जी बिल्कुल लेकर विभाग पूर्ण से सक्रिय रहता है इसी प्रकार जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के उद्यानिकी विभाग का कार्यालय जो पूरे जिले को संचालित करता है उसे कैंपस की जमीन बचाने में नाकाम है कैंपस की जमीन तोडक़र अवैध अतिक्रमणकारियों के द्वारा घर बना लिया जा रहा है लेकिन विभाग कुछ भी कर पाने में असमर्थ है जिला प्रशासन कोरिया को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है इन विभागों के कार्यों की समीक्षा बृहद रूप से किए जाने की आवश्यकता है नहीं तो यह अपनी जमीन अपना कैंपस बचाने में नाकाम है तो आम किसानों को क्या लाभ पहुंचाएंगे जिसके चलते उद्यानिकी विभाग से जिले के किसानों का मोह भंग हो गया है उद्यानिकी विभाग के फर्जीवाड़े का उच्च स्तरीय जांच कराया जाना आवश्यक है।