नई दिल्ली। सितंबर के पहले हफ्ते से मणिपुर में हिंसा का वही रूप देखने को मिल रहा है जो 2023 में जुलाई, अगस्त के महीने में देखा गया था। ड्रोन से हवाई बमबारी से लेकर आरपीजी लॉन्च करने और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने स्थिति को संवेदनशील बना दिया है. मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है और इसका कोई अंत नहीं होता दिख रहा है बल्कि आने वाले दिनों में इसके और भी आक्रामक रूप से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में बढ़ती हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इम्फाल में राज्यपाल से मुलाकात कर मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है. मणिपुर के मुख्यमंत्री विधायकों द्वारा पारित एक प्रस्ताव भी राज्यपाल को सौंपेंगे. घाटी में हत्याओं के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की गई है. COCOMI (कोओर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी) ने एक कड़ा अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों से पांच दिनों के भीतर संकट से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई की मांग की गई है।