नई दिल्ली। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। जनरल नरवणे ने विभिन्न विद्रोही समूहों को चीनी सहायता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी बात नहीं है। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य विषय पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही। उनसे मणिपुर हिंसा को लेकर प्रश्न पूछे गए थे।मुझे पूरा विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है, वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि एक और बात जो मैं खासतौर पर कहूंगा कि विभिन्न उग्रवादी संगठनों को चीन की ओर से सहायता मिलती है। उग्रवादी संगठनों को चीन की मदद कई वर्षों से मिल रही है और यह अब तक जारी है। पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसक गतिविधियों में मादक पदार्थों की तस्करी की भूमिका पर जनरल नरवणे ने कहा कि यह काम वहां लंबे समय से जारी है। समय के साथ जब्त किए गए मादक पदार्थों की मात्रा बढ़ी ही है। अग्निपथ योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह समय ही बताएगा कि यह अच्छी है या नहीं।