कोरबा। इमलीडुग्गु क्षेत्र में मधुमक्खियों के हमले में एक व्यक्ति बुरी तरह से जख्मी हो गया। आसपास के लोगों को इसकी जानकारी मिले तो उन्होंने कई प्रकार के तौर तरीके अपनाकर उसे बचाया और फौरन अस्पताल भिजवाया। चिकित्सकों की निगरानी में पीडि़त को उपचार देने के साथ उसे खतरे से बाहर करने की कोशिश की जा रही है।
अपने लिए रहने की जगह तलाश में की प्रक्रिया के अंतर्गत मधुमक्खियां पेड़ पौधों के अलावा ऊंचे मकान के बाहरी हिस्से और सन्नाटे वाली जगह पर अपने छत्ते बना लेती हैं। ऐसी जगह पर मधुमक्खियां का कुनबा अपनी उपस्थिति दर्ज करने के साथ शहद भी तैयार करता है। सामान्य तौर पर यह जीव शांत रहता है लेकिन धुआ या किसी के द्वारा छेडख़ानी करने पर बहुत जल्द आक्रामक हो जाता है और अपने आसपास में आने वाले इंसानों पर जबरदस्त तरीके से हमला कर देता है।
कोरबा के इम्लिदुग्गु क्षेत्र में काम करने के बाद घर लौट रहे मधु दास नामक व्यक्ति पर मधुमक्खियां ने अचानक हमला कर दिया। इस घटना से पीडि़त कुछ देर तक छठपटाता रहा। उसके चिल्लाने पर आसपास के लोग हरकत में आए और उन्होंने फौरी तौर पर उपाय करने के साथ जान बचाई। बाद में उसे अस्पताल भिजवाया गया जहां मेडिकल स्टाफ ने मधुमक्खियां के डंक निकाले और राहत दी।
जानकारों ने बताया कि किसी भी व्यक्ति पर हमला करने के दौरान मधुमक्खी का डंक टूट जाता है और इसके चलते अधिकतम 24 घंटे बाद मधुमक्खी की मौत हो जाती है। यहां पर याद रखना होगा कि ततैया या मधुमक्खी के डंक से कई बार ब्लड प्रेशर लो की भी शिकायत हो सकती है, इस वजह से हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। कई बार डंक निकालने में देरी या फिर चिमटी या नुकीली चीज से निकालने की वजह से भी जहर फैल जाता है। इसलिए यथासंभव प्रयास करने की जरूरत है कि अपने आसपास में इस प्रकार के खतरे की निशान मौजूद है तो उन्हें हटाने की व्यवस्था कराई जाए या फिर वहां से पर्याप्त दूरी बनाई जाए।