नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भोपाल के तीन बिल्डरों त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी बिल्डर और ईशान बिल्डर के 52 ठिकानों पर बुधवार से शुरू आयकर छापे की कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। विभाग को अघोषित रूप से विभिन्न कंपनियों में लगभग 300 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी मिली है।
ये कंपनियां भोपाल, इंदौर के अतिरिक्त जबलपुर, कटनी और रायपुर की हैं। निवेश में छत्तीसगढ़ के बड़े खनन कारोबारी का नाम भी सामने आया है।
बता दें कि आयकर विभाग की ओर से तीनों बिल्डरों से जुड़े भोपाल में 49, इंदौर में दो और ग्वालियर में एक स्थान पर छापेमारी की गई है। छापे में मिले दस्तावेजों की पड़ताल में सामने आया है कि त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा और उनके साथियों ने मिलकर भोपाल में नर्मदापुरम रोड स्थित सहारा सिटी में 110 एकड़ जमीन खरीदी थी।
इसके अलावा कारोबारियों के यहां से बड़ी संख्या में बेनामी रजिस्ट्री और अन्य संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्य सचिव का भी नाम जुड़ रहा है। कारोबारी उनके करीबी हैं।
आयकर विभाग को अब तक 25 बैंक लाकर और पांच करोड़ रुपये नकद भी मिले हैं। एक-दो दिन में मूल्यांकन पूरा होने के बाद अघोषित संपत्ति की सही स्थिति सामने आएगी। बैंक लाकर में कैश और तलाशी के दौरान मिली ज्वेलरी का मूल्यांकन किया जाना अभी बाकी है।
आयकर विभाग ने गुरुवार को जयपुर में टेंट और इवेंट कंपनी से जुड़े बड़े कारोबारियों के 24 ठिकानों पर छापेमारी की। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि इवेंट कंपनी और टेंट कारोबारी ग्राहकों से ऑफलाइन पैसा ले रहे थे। सर्च के दौरान कई जगह बिल बुक तक नहीं मिले हैं।
कारोबारियों के ऑनलाइन रिकॉर्ड को भी खंगाला जा रहा है। जिन कारोबारियों के यहां छापे पड़े हैं, वह वीवीआइपी शादी कराने और डेकोरेशन करने वाला ग्रुप है। कारोबारियों के बारे में आयकर को अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। तय सीमा से ज्यादा ऑफलाइन मोड में पेमेंट लेने का भी आरोप है।