नई दिल्ली, 15 जनवरी ।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ताजा मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बुधवार को यह जानकारी अपने सूत्रों के हवाले से दी है। मालूम हो कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले महीने एजेंसी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सीबीआई को अगस्त 2024 में आबकारी नीति से संबंधित समानांतर भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की मंजूरी मिली थी। ईडी ने जमानत पर बाहर चल रहे केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया और 17 मई को चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया था। दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल के सामने नई मुसीबत, एलजी ने इस मामले में (ईडी)को मुकदमा चलाने की दी मंजूरी,चार्जशीट में दावा किया गया कि कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर ली गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किए गए।ईडी के मुताबिक, आप के राष्ट्रीय संयोजक और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में इस्तेमाल और जुटाए जा रहे पैसे के लिए केजरीवाल ही जिम्मेदार थे। ईडी ने गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल भी संस्थापक सदस्यों में से एक थे और शराब नीति के संबंध में निर्णय लेने में शामिल थे। ईडी ने केजरीवाल को आबकारी नीति से संबंधित घोटाले का सरगना कहा था। ईडी ने कहा था कि केजरीवाल, पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया और पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर ने अपने चुनावी फंडिंग के लिए 100 करोड़ की रिश्वत के अलावा अतिरिक्त पैसे मांगे थे।