
कोरिया बैकुंठपुर। मनेंद्रगढ़ विधानसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रेल यातायात व किसानों से जुड़े 6 बड़े प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। प्रदेश सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसका लाभ आमजनों को नहीं मिल पा रहा है। अब विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही नए निर्माण कार्य नहीं हो सकेंगे जिससे लोगों को इन कार्यों के शुरू होने के लिए अब प्रदेश में नई सरकार बनने का इंतजार करना पड़ेगा। मौजूदा सरकार के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश में सरकार तीन साल ही कार्य कर सकी। कोविड आपदा के कारण कई निर्माण कार्यों की मंजूरी नहीं मिली फिर भी सरकार ने बेहतर कार्य किए हैं। वहीं विपक्ष इन मुद्दों को लेकर हमलावर है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सरकार पूर्व के मंजूर कार्यों को भी पूरा नहीं करवा सकी है। ऐसे में अब लोगों ने बदलाव का मन बना लिया है। बता दें कि नागपुर चिरमिरी न्यू रेल लाइन के लिए भाजपा सरकार में भूमि पूजन कार्य किए गए थे। रेलवे ने 50 फीसदी बजट राशि की मंजूरी देकर सर्वे शुरू करवाया था। आरोप है कि प्रदेश सरकार ने बजट राशि की मंजूरी नहीं दी। मनेंद्रगढ़ चैनपुर साजापहाड़ चिरमिरी की अधूरी सड़क के चौड़ीकरण के लिए मंजूरी नहीं मिली। नए हाईवे का प्रस्ताव अटक गया। स्वास्थ्य को लेकर चिरमिरी में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण चल रहा है लेकिन भवन का कार्य अधूरा पड़ा है। अधूरे सिंचाई परियोजनाओं पर भी ध्यान नहीं दिया गया जिससे लोगों में नाराजगी बनी हुई है। नागपुर चिरमिरी न्यू रेल लाइन के लिए रेलवे ने 3 अक्टूबर 2018 को 241 करोड़ मंजूरी दी थी। इसमें प्रदेश सरकार को 50 फीसदी राशि 120.50 करोड़ की वित्तीय मंजूरी देनी थी पर प्रदेश सरकार ने बजट राशि की मंजूरी नहीं दी। हालांकि जिले के प्रवास पर पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने आश्वासन दिया था कि यह काम हो जाएगा। नागपुर-चिरमिरी प्रोजेक्ट अंबिकापुर बरवाडीह रेल लाइन का हिस्सा है। इसके पूरे होने से कोरिया जिला सीधे मुंबई-कोलकाता रेल मार्ग से जुड़ जाएगा। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी को जोडऩे वाली साजापहाड़ चैनपुर सड़क पर दूसरे चरण के लिए प्रदेश सरकार ने राशि मंजूर नहीं की। पहले चरण में 7 करोड़ 77 लाख से 6 किमी सड़क बनाई गई है। 12 किमी सड़क बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 28 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। सड़क बनने से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी सड़क का चौड़ीकरण होगा। 18 किमी सड़क को डबल लेन बनाने का काम 5 साल पहले शुरू हुआ था। केवची पेंड्रा से खडग़वां-चिरमिरी-नागपुर तक नए नेशनल हाईवे का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। नेशनल हाईवे निर्माण के लिए विधानसभा चुनाव से पहले हल्दीबाड़ी सामुदायिक भवन में जनसुनवाई पूरी हो गई थी। अब भाजपा का आरोप है कि सरकार बदलने के बाद इसे राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय बजट में नहीं जुड़वाया गया। इसमें कागजी प्रक्रिया का लगभग 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है, डीपीआर तैयार है, लेकिन प्रस्ताव आगे के लिए रुका हुआ है। डोमनहिल शहरी स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन के लिए 72 लाख रूपए मंजूर हुए थे। यह राशि शासन को वापस हो गई। डोमनहिल के इस अस्पताल में कोरिया, गेल्हापानी, गोदरीपारा से हर दिन 50 से 60 मरीज उपचार के लिए पहुंचते है, लेकिन अस्पताल में सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रही है। वहीं 10 साल पहले चिरमिरी के गेल्हापानी, गोदरीपारा, वेस्ट चिरमिरी में बने तीन उप स्वास्थ्य केंद्र भवन शुरू नहीं हो सके हैं। साजाखाण्ड जलाशय के नहर लाईनिंग प्रोजेक्ट अटका गोदरीपारा पहाड़ की तराई में बने साजाखाण्ड जलाशय से दो गांव में सिंचाई लाभ की सुविधा मिलती। जिससे किसान दोहरी फसल ले सकते थे। परियोजना के लिए मिले 8 करोड़ की राशि बांध निर्माण व मुआवजा बांटने में खत्म होने के बाद जल संसाधन विभाग ने 16 करोड़ रुपए का बजट शासन से मांगा है। लेकिन राशि की मंजूरी नहीं मिल रही है। इससे 5 साल से प्रोजेक्ट रुका हुआ है। चिरमिरी लाहिड़ी कॉलेज का नया भवन शुरू होने के बाद यहां वकालत की पढ़ाई शुरू करवाने की तैयारी थी। जनभागीदारी की बैठक में मिनट नोट हुई थीं। लेकिन इस पर आगे प्रस्ताव नहीं बन सका। प्रोफेसर कॉलोनी के लिए दो करोड़ की कॉलोनी बनाने का प्रस्ताव अटका है।