जांजगीर-चांपा। त्योहारी सीजन के चलते सडक़ों पर ट्रैफिक का दबाव शाम को इतना बढ़ गया है कि जाम की स्थिति बनने लगी है। दूसरी ओर सडक़ों पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा आम दिनों की तरह ही बना हुआ है। कचहरी चौक में जहां त्योहारी सीजन के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ नजर आ रही है, वहां का नजारा गोठान की तरह बना हुआ है। मगर विडंबना है कि जिम्मेदारों को यह नजर नहीं आ रहा है, या फिर लोगों की परेशानियों से उन्हें अब कोई मतलब नहीं रह गया है। शहरवासियों का कहना है कि त्योहारी सीजन तक तो कम से कम आवारा मवेशियों को सडक़ों से हटाने का प्रयास करते। नेताजी चौक से लेकर कचहरी चौक तक एक तरफ त्योहारी सीजन को लेकर जहां शाम को ट्रैफिक का दबाव इतना बढ़ गया है कि लोगों को आवागमन करना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान में नाली निर्माण का काम भी चल रहा है तो दूसरी ओर सडक़ की हालत भी खस्ता हो चुकी है। ऊपर से सडक़ पर वाहनों का दबाव तो दूसरी ओर सडक़ के बीचों-बीच मवेशियों का डेरा।
लोग इनसे बचते-बचाते निकलते नजर आते हैं। कई बार लोग इससे टकरा भी जा रहे हैं, मगर लगता है कि जब तक कोई गंभीर हादसा नहीं हो जाता जिम्मेदारों की आंख नहीं खुलेगी। इधर इस संबंध में सीएमओ चंदन शर्मा का कहना है कि मवेशियों की धरपकड़ की कार्रवाई की जाती है। अब फिर से अभियान चलाकर मवेशियों को सडक़ों से हटाने कार्रवाई की जाएगी।
जिला मुख्यालय का गोठान अभी अधूरा
जिला मुख्यालय में करीब 20 लाख की लागत से गोठान का निर्माण नगरपालिका द्वारा कराया जा रहा है। गोठान का काम अभी अधूरा है तो दूसरी ओर पालिका के पास कांजी हाउस नहीं है। ऐसे में सडक़ों से मवेशियों को हटाकर रखने की विकराल समस्या हो जाती है कि पकड़े गए मवेशियों को आखिर कहां सुरक्षित रखें। शहर से बाहर छोडऩे पर मवेशी कुछ घंटे बाद फिर से लौट आते हैं। ऐसे में मवेशियों की धरपकड़ केवल खानापूर्ति साबित होती है।