वाराणसी, २३ जनवरी।
महाकुंभ (प्रयागराज) के एक आंशिक हिस्से में बीते दिनों लगी आग की घटना के बाद खुफिया एजेंसियों की सतर्क निगाहें तीर्थ का ट्रायंगल कहे जाने वाले प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या पर टिक गईं हैं। एटीएस ने अपने स्तर पर पड़ताल शुरू की तो एनएसयूआई के प्रदेश सचिव वाराणसी के जैतपुरा निवासी शाहिद जमाल की प्रयागराज में मौजूदगी पता चली तो नींद उड़ गई। हालांकि, शाहिद लौटा तो एटीएस के दफ्तर में खुद जा पहुंचा, जहां पूछताछ के बाद इत्मीनान होने पर उसे छोड़ दिया गया। वर्ष 2019 में एनआरसी मामले में पकड़े गए लोगों की निगहबानी बदस्तूर है
हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी किसी तरह की अधिकृत जानकारी नहीं देने से बचते रहे। जैतपुरा के शाहिद को वर्ष 2019 में गिरफ्तार किया गया था। वाराणसी से उन दिनों करीब 70 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 16 जनवरी को एटीएस ने शाहिद को सत्यापन के नाम पर फोन किया तो उन्होंने बताया कि वह प्रयागराज महाकुंभ में है। बताया कि मेले में लगे शॉल की दुकान पर काम कर रहा है। उसे तुरंत एटीएस ऑफिस पहुंचने को कहा गया, लेकिन एक दिन विलंब हो गया। जिसके बाद शाहिद के घर नोटिस चस्पा कर दिया गया। शाहिद से एटीएस से कई तरह की जानकारी की, जिसका जवाब देने के बाद छूट पाए। शाहिद समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवार के रूप में हरिश्चंद्र कॉलेज से चुनाव जीता था। वर्तमान में एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है।