लखनऊ, १८ अक्टूबर । प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को दिव्य, भव्य व सुव्यवस्थित बनाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। इस भव्य आयोजन के लिए सड़क, पुल, बिजली, मेला क्षेत्र के विस्तारीकरण और व्यवस्थापन से जुड़े दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट धरातल पर आ चुके हैं, इन्हें जल्द पूरा कराने में सरकार जुट गई है। इसके अलावा विभिन्न विभागों की 3738 करोड़ रुपये की 260 परियोजनाएं भी चल रही हैं। इस बार महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी यानी 45 दिन चलेगा। इस दौरान मेला में करीब छह करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। 40 लाख श्रद्धालु शाही स्नान में आ सकते हैं। 40 लाख कल्पवासी भी हो सकते हैं। यहां डिजिटल म्यूजियम बनाए जाएंगे। ड्रोन से मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। मेला क्षेत्र में रोप-वे, पीपा पुल, आरओबी आदि का निर्माण समय से पूरा करने एवं वीआइपी के साथ सामान्य श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था किए जाने पर फोकस कर रही है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने लगभग 3738 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विभागों की 260 परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कार्यों की लगातार निगरानी करने मूलभूत सुविधाओं के साथ पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, पार्किंग आदि की सुचारु व्यवस्था करने के निर्देश दिए। सड़कों व चौराहा से अतिक्रमण हटाने के साथ इनका चौड़ीकरण और सुंदरीकरण करने के लिए कहा गया है। मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने बताया कि महाकुंभ 2025 में पिछले कुंभ की तुलना में अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, इसलिए मेला क्षेत्र को चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में व 25 सेक्टरों में बसाया जाएगा। लगभग 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। 13 किलोमीटर लंबे सात रिवर फ्रंट रोड, ग्रीन बेल्ट का विकास, पेयजल, शौचालय, विद्युत व्यवस्था तथा वेंडिंग जोन की व्यवस्था भी कराई जाएगी। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए एक हजार शटल बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था की जाएगी।