गया, २७ अगस्त । बिहार में बोधगया के महाबोधि मंदिर में शुक्रवार को चली गोली से सुरक्षाकर्मी अमरजीत कुमार यादव की मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, पैर फिसल जाने के कारण कारबाइन से चली चार गोलियां उनके सीने में जा लगी थीं। घटना के बाद देर रात पोस्टमार्टम कराया गया। पटना से गई फोरेंसिक टीम ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। एसएसपी आशीष भारती ने घटना की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरा नहीं था।महाबोधि मंदिर में शुक्रवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीसैप) के हवलदार अमरजीत कुमार यादव की सरकारी कारबाइन से निकली गोली से मौत के मामले में एसएसपी ने कहा कि अमरजीत कैसे गिरे और कारबाइन से गोली कैसे चली, इसकी पड़ताल के लिए बोधगया के डीएसपी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई है। बीसैप कमांडेंट व बोधगया के डीएसपी और थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी गई है। घटनास्थल से फोरेंसिक टीम ने नमूना संग्रहित कर लिया है। बीसैप कमांडेंट के आवेदन पर थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है। हवलदार को कारबाइन से चार गोली कैसे लगी, इस सवाल पर एसएसपी ने कहा कि जांच चल रही है, रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट होगा। एसएसपी ने कहा कि जिस स्थल पर घटना हुई, उसके आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। वहीं, जिला प्रशासन ने कहा है कि महाबोधि मंदिर में अलग-अलग स्पाट पर 57 सीसीटीवी लगे हैं, जो चालू हैं।इस बीच, महाबोधि मंदिर परिसर में घटनास्थल पर पड़े शव का फोटो प्रसारित हुआ है। फोटो में हवलदार का शव पीठ के बल फर्श पर पड़ा है और कारबाइन बाएं पैर के पास दिख रही है।नाक और बाएं हाथ के कंधे पर खून दिख रहा है। फर्श पर काई में फिसलने के कारण गिरने के बाद गोली चलने की बात कही गई थी, लेकिन प्रसारित फोटो में काई नजर नहीं आ रही है।जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम के आदेश पर शनिवार देर रात अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। शनिवार को स्वजन अमरजीत के शव को सारण जिले के सोनपुर स्थित पैतृक घर ले गए।