दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा की सूची में शामिल कर लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को अब शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दे दी है। शास्त्रीय भाषाएं वह समृद्ध भाषाएं हैं जो भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को अपने में संजोए हुए प्रत्येक समुदाय को ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्वरूप प्रदान करती हैं।पीएम मोदी ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा घोषित करने के कैबिनेट के फैसले की सराहना की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि मुझे बहुत खुशी है कि महान बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, खासकर दुर्गा पूजा के शुभ समय के दौरान। बंगाली साहित्य ने वर्षों से अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है। मैं दुनिया भर के सभी बांग्लाभाषियों को इसके लिए बधाई देता हूं।