जांजगीर चांपा। बलौदा विकासखंड के हेडसपुर के सरपंच पद से हटाने और शिकायत की पुनर्निरीक्षण की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन कर रही महिला की तबीयत चौथे दिन बिगडऩे लगी। डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस के साथ प्रशासनिक अमला अनशन तोड़वाने पहुंचा। वे महिला को एम्बुलेंस में जबरदस्ती ले जाने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान महिला ने चाकू निकालकर स्वयं का हाथ काट लेने की धमकी दी। ऐसे में अफसरों को बैरंग लौटना पड़ा।
विदित हो कि एसडीएम कार्यालय के सामने महिला 4 नवंबर से देर शाम से महिला आमरण अनशन कर रही है। ग्राम हेडसपुर की महिला शांतिबाई चौहान ने बताया कि गांव के उप सरपंच और गांव के लोगों ने राजनीतिक विधायक मद से सांस्कृतिक मंच की स्वीकृत राशि से निर्माण नहीं करने और अन्य शिकायत की थी। जांच करने आए अधिकारियों ने सांस्कृतिक मंच का निर्माण कार्य होने के साथ-साथ अन्य बातों की जांच की। जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को भेजा था। तत्कालीन एसडीएम द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर धारा 40 के अंतर्गत महिला शांति बाई चौहान को पद मुक्त करते हुए सरपंच पद से हटा दिया। महिला ने जांच के संबंध में कलेक्टर कार्यालय और कमिश्नर कार्यालय में पुन: निरीक्षण की अपील की। लेकिन अपील को अधिकारियों के खारिज करने पर एसडीएम ने धारा 40 के अंतर्गत महिला को हटाने की कार्रवाई की थी। इसके विरोध में शांतिबाई ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। वह एसडीएम कार्यालय के सामने अनशन पर बैठ गई। इधर आंदोलन के चौथे दिन गुरूवार 7 नवंबर को सुबह 10.30 बजे तहसीलदार के के जायसवाल, शालिनी तिवारी, नायब तहसीलदार चंद्र कुमार साहू एवं थाना प्रभारी मणिकांत पांडे के द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर महिला को समझाइश दी गई लेकिन महिला अपने मांग पर डटी रही। इस बीच तहसीलदार ने महिला के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बीएमओ डॉक्टर महेंद्र सोनी को बुलाया गया। डॉक्टर महेंद्र सोनी ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर करने की सलाह दी। चिकित्सकों के सलाह पर शांति बाई चौहान को एंबुलेंस में बैठने के लिए कहने पर शांति बाई चौहान ने अपने पति की उपस्थिति में एक-दो घंटे बाद एंबुलेंस में बैठने की बात कही। 3.30 पुन: तहसीलदार एवं थाना प्रभारी की उपस्थिति में महिला कांस्टेबल शांतिबाई चौहान को एंबुलेंस में बैठाने के लिए पहुंची तो शांति बाई चौहान ने अपने तकिए के नीचे रखे चाकू को निकाल लिया। उसने चेतावनी दी कि यदि कोई उसके साथ जबरदस्ती करेगा तो वह अपना हाथ काट लेगी। शांति बाई चौहान के तेवर को देखकर महिला कांस्टेबल के साथ अधिकारियों की टीम बैरंग वापस लौट गईं। शांति बाई चौहान का अनशन अभी भी जारी है। महिला के साथ-साथ गांव की महिलाओं एवं गांव के लोगों द्वारा भी बड़ी संख्या में आमरण अनशन स्थल में पहुंचकर अपना सहयोग दिया जा रहा है।