जांजगीर। गत सोमवार 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो गया। सूर्य धनु राशि में रविवार देर रात प्रवेशकर लिया था। अब 14 जनवरी (मकर संक्रांति) तक कथा-प्रवचन, नित्य पूजन, हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान छोडक़र मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इसके बावजूद इस एक महीने की अवधि में पडऩे वाले कई शुभ योगों में आवश्यक वस्तुओं की खरीदी और बुकिंग की जा सकती है।
2, 27, 29, 30 दिसंबर, 5, 7 और 11 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग है। इसे खरीदी के लिए शुभ माना जाता है। 7 और 11 जनवरी को अमृतसिद्धि, 17 और 18 दिसंबर त्रिपुष्कर योग, 17, 22 दिसंबर और 5 जनवरी को विशेष योग रहेगा। इन योगों में आवश्यक वस्तुओं की खरीदी कर पूजा घर में रखने के बाद इनका उपयोग करना शुभ रहेगा। खरमास में सूर्य की उपासना का विधान है। अनेक ज्योतिषियों का मत है कि अति आवश्यक होने पर खरमास(मलमास) में जो शुभ योग और शुभ मुहूर्त होते हैं, उनमें खरीदी करने पर कोई दोष नहीं लगता। नए वस्त्र और नए आभूषण खरीदे जा सकते हैं, पर उन्हें मकर संक्रांति के बाद धारण करना अत्यंत शुभ होगा।
भूमि, भवन और अन्य वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं। भूमि पूजन और नए भवन में प्रवेश खरमास समाप्त होने के बाद किया जाना चाहिए। पंडित विद्यानंद व्यास ने बताया कि इस बार सूर्यदेव का धनु राशि में बाघ पर सवार होकर प्रवेश हुआ है। उनका उप वाहन अश्व रहा। संक्रांति नक्षत्र घोरा नाम का है। इसके परिणाम स्वरूप सरकार और जनसामान्य के बीच कई लंबित मामले सुलझाने में सामंजस्य की स्थिति बनेगी। सूर्य पूरे वर्षभर बारह राशियों में यात्रा करते हैं। इसी क्रम में धनु राशि में भी पौष मास के आसपास प्रवेश करते हैं। जिसे धनुर्मास या खरमास कहा जाता है। इस समय चूंकि ग्रहाधिपति सूर्य गुरु(वृहस्पति) के राशि में होते है, इसलिए इस समय अध्यात्म, धर्म, दान पुण्य के लिए श्रेष्ठ होता है।
साल में दो खरमास, नहीं होते मांगलिक कार्य जब गुरु की राशि धनु में सूर्य आते हैं तब खरमास का योग बनता है। वर्ष में दो मलमास लगता है, जिनमें पहला धनुर्मास और दूसरा जमीन मास आता है। यानी सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तब खर या मलमास होता है। क्योंकि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो हो जाते हैं। इसलिए विवाह संस्कार कार्य निषेध माने जाते हैं।
7 मार्च को लगेगा होलाष्टक मार्च में 5 को शादी के लग्न हैं। इसके बाद 7 मार्च को होलाष्टक प्रारंभ हो जाएगा। इसकी वजह से शुभ मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। वहीं 14 मार्च को मीन मलमास शुरू हो जाएगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा।